हाथरस गैंगरेप मामला: CBI ने दाखिल की चार्जशीट, बताया पूरा घटनाक्रम
सीबीआई ने पीड़िता की मौत से पहले दिए गए आखिरी बयान के आधार पर ही चारों आरोपियों के खिलाफ गैंगरेप, मर्डर और एससी/एसटी एक्ट में केस रजिस्टर किया है.
शोएब रजा/ हाथरस: हाथरस गैंगरेप मामले में शुक्रवार को सीबीआई ने चारों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर कर दी. सीबीआई ने चार्जशीट में कई बातों का जिक्र किया है. करीब 2 हजार पन्नों की इस चार्जशीट में सीबीआई ने अलग -अलग तारीखों का जिक्र करते हुए पूरी वारदात को सामने रखा है. सीबीआई ने पीड़िता की मौत से पहले दिए गए आखिरी बयान के आधार पर ही चारों आरोपियों के खिलाफ गैंगरेप, मर्डर और एससी/एसटी एक्ट में केस रजिस्टर किए हैं. वहीं, ये चार्जशीट इस बात का भी खुलासा करती है कि पीड़ित लड़की और एक आरोपी के बीच पहले से भी बातचीत होती थी.
बाप ने बेटे को पीटा था, बदले में मां ने पति का सिर कुचलकर उतार दिया मौत के घाट
सीबीआई ने बताया पूरा घटनाक्रम
चार्जशीट में लिखा गया है कि सीबीआई ने अपनी जांच में पाया कि 14 सितंबर की सुबह तकरीबन 7:30 बजे पीड़िता अपनी मां और बड़े भाई के साथ खेत में घास काटने के लिए गई थी. पीड़िता की मां वहां से कुछ दूरी पर एक दूसरे खेत में घास काटने के लिए चली गई, पीड़िता का भाई घर में पशुओं के लिए चारे की गठरी बांधकर घर के लिए रवाना हो गया. उसके बाद पीड़िता अपनी मां के पास उस जगह पहुंची जहां उसकी मां घास काट रही थी. पीड़िता की मां ने पीड़िता को घास काटने के लिए बोला, लेकिन पीड़िता ने मां को बोला कि उसे थकान और प्यास महसूस हो रही है. तभी पीड़िता की मां ने पीड़िता को घास की वो गठरी बांधने के लिए कहा जिसे वह काट चुकी थी. मां वहां से चली गई और वहां से 50 मीटर दूर दूसरे खेत में घास काटने लगी. कुछ देर घास काटने के बाद पीड़िता की मां जब उसी जगह वापस पहुंची जहां उसने पीड़िता को छोड़ा था तो उसने देखा पीड़िता वहां पर नहीं है.
Driving License: घर बैठे ऑनलाइन ड्राइविंग लाइसेंस के लिए कर सकते हैं आवेदन, जानिए पूरी प्रक्रिया
चार्जशीट में लिखा गया है कि पीड़िता की मां ने देखा कि बाजरे के खेत में उनकी बेटी बेसुध पड़ी हुई है. इसी बीच गांव में रहने वाला एक लड़का वहां अचानक पहुंच गया, लड़के को मां ने पीड़िता के बड़े भाई को घर से बुलाने के लिए कहा, इसी बीच पीड़िता को उसकी मां घसीटते हुए खेत की मेड़ के पास लेकर आई और उसको वहां लिटा दिया.
मऊ में बोले CM योगी - "पिछली सरकार में चेहरा देखकर दी जाती थी नौकरी, हमने सबका विकास किया"
लड़के ने घर जाकर पीड़िता के बड़े भाई की 5 साल की बेटी को सारी बात बताई और घर में अपने पिता को भी जानकारी देने की बात कही. इसके बाद गांववाले और पीड़िता का बड़ा भाई जैसे ही घटनास्थल पर पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि पीड़िता पानी की मेड़ के पास बेसुध हालत में पड़ी हुई है.
सावधान! जहर देकर कर रहे थे पशुओं की हत्या, बाजार मे सप्लाई कर रहे थे मांस
भाई ने दर्ज कराई शिकायत
पीड़िता के बड़े भाई ने अपनी मां के साथ मिलकर तुरंत पीड़िता को अपनी मोटरसाइकिल पर बिठाया और सीधा चंदपा थाने के लिए रवाना हो गया. सुबह तकरीबन 9:14 पर पीड़िता का भाई और मां पीड़िता को थाने लेकर पहुंच चुके थे. भाई सत्येंद्र ने पुलिस को बताया कि गांव के ही रहने वाले संदीप ने पीड़िता को गला दबाकर जान से मारने की कोशिश की है.
चार्जशीट में लिखा है कि जांच के दौरान पता चला कि पीड़िता को सबसे पहले हाथरस के जिला अस्पताल में सुबह 9:57 मिनट पर एक ऑटो के जरिए लेडी कॉन्स्टेबल की मौजूदगी में भेजा गया था. सुबह 11:35 पर पीड़िता को जिला अस्पताल में मौजूद डॉक्टर रमेश बाबू ने देखा और तुरंत अलीगढ़ अस्पताल के लिए रेफर कर दिया. लेकिन उस वक्त पीड़िता की हाथरस में कोई एमएलसी नहीं की गई थी.
सुबह 12:10 पर पीड़िता को अलीगढ़ हॉस्पिटल के लिए रेफर किया गया था. 22 सितंबर को अलीगढ़ के सरकारी अस्पताल में पीड़िता का चेकअप किया गया था, जिसमें उसके साथ रेप की कोई पुष्टि नहीं की गई थी. पीड़िता के गर्दन और पीठ में चोट है.
22 सितंबर को दर्ज कराया आखिरी बयान
जांच के दौरान यह भी पता चला कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में डिपार्टमेंट ऑफ फॉरेंसिक मेडिसिन एंड टेक्नोलॉजी के हेड डॉक्टर एमएस हुडा ने जब पीड़िता की स्थिति को बिगड़ते हुए देखा, तो सीएमओ को तुरंत उसके डाईंग डिक्लेरेशन रिकॉर्ड करने के लिए बोला. तभी नयाब तहसीलदार मनीष कुमार के समक्ष पीड़िता के 22 सितंबर की शाम 5:40 पर आखिरी बयान दर्ज किया गया.
जिसमें पीड़िता ने यह बात कबूली कि उसके साथ संदीप, रामू, रवि और लवकुश ने गैंगरेप जैसी संगीन वारदात को अंजाम दिया है. इसके बाद पीड़िता को सीधे अलीगढ़ से दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में रेफर कर दिया गया, लेकिन इलाज के दौरान 29 सितंबर की सुबह उसकी मौत हो गई.
पीड़ित लड़की और एक आरोपी के बीच होती थी बातचीत
चार्जशीट में कहा गया है कि आरोपी संदीप और अन्य आरोपियों का घर बुलगढ़ी गांव में पीड़िता के घर के नजदीक है. पिछले दो-तीन साल पहले पीड़िता और संदीप के बीच दोस्ती शुरू हुई थी. जांच के दौरान यह भी पता चला कि पीड़िता और संदीप चोरी-छुपे मिलते भी थे, जिसकी पुष्टि सीबीआई के सामने गांव वालों ने भी की.
चार्जशीट में लिखा है कि जांच के दौरान पता चला है कि आरोपी संदीप ने 3 अगस्त को अपने एक दोस्त भूदेव को मोबाइल कॉल कर पीड़िता के नंबर पर उसे कॉन्फ्रेंस में जोड़ने के लिए बोला था. भूदेव ने तकरीबन चार बार पीड़िता के परिवार के नंबर पर कॉल किया लेकिन फोन नहीं उठाया गया. भूदेव ने बताया कि वह, संदीप और पीड़िता के बीच के रिश्तो के बारे में अच्छे से जानता था, इसीलिए वह मना नहीं कर पाया. जांच के दौरान, भूदेव ने यह भी बताया कि मार्च के बाद से पीड़िता संदीप से बातचीत बिल्कुल बंद कर चुकी थी, उसके मोबाइल फोन से जो कॉल आते थे उनको भी नहीं उठाती थी.
आरोपी को था शक
चार्जशीट में बताया गया है कि अचानक से पीड़िता के इस तरह के व्यवहार से संदीप काफी गुस्से में था और पीड़िता पर उसे शक होने लगा था कि पीड़िता का किसी अन्य लड़के के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा है. संदीप को शक था कि उसका अपनी बहन के पति या फिर उसके देवर के साथ अफेयर शुरू हो गया है.
जांच के दौरान, यह भी पता चला कि 22 सितंबर को पीड़िता ने अपनी डाईंग डिक्लेरेशन में जिन चार लड़कों का नाम लिया था, वे सभी बुलगढ़ी गांव में उसी स्थान के आस-पास मौजूद थे, जहां पीड़िता के साथ गैंगरेप जैसी घिनौनी वारदात को अंजाम दिया गया था. जांच के दौरान ये सामने आया कि आरोपी संदीप के पास तीन मोबाइल नंबर थे. यह तमाम बातें संदीप और पीड़िता की सीडीआर के बाद पता चली है.