कार्यशाला में रखे गए पत्थरों की काई साफ करने के लिए बाहर से 3 कारीगर बुलाए गए हैं. पत्थरों की सफाई के लिए कारीगरों की संख्या बढ़ाई जाएगी.
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अयोध्या: अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर निर्माण के लिए राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट बनने के बाद अब विश्व हिंदू परिषद की पत्थर तराशने की कार्यशाला में तराशे गए पत्थरों की सफाई का काम शुरू हो गया है. पत्थरों पर चढ़ी काई की सफाई शुरू कर दी गई है. कार्यशाला में रखे गए पत्थरों की काई साफ करने के लिए बाहर से 3 कारीगर बुलाए गए हैं. पत्थरों की सफाई के लिए कारीगरों की संख्या बढ़ाई जाएगी. गुजरात से महिला कारीगरों को पत्थरों की काई की सफाई के लिए लाया जाएगा.
उधर, विश्व हिंदू परिषद और श्री राम जन्म भूमि न्यास की देखरेख में कार्यशाला में राम मंदिर निर्माण के लिए पत्थरों को तराशने और सफाई का काम फिर शुरू कर दिया गया है. आपको बता दें कि विगत कुछ महीनों से पत्थर तराशने का काम बंद था. लेकिन जैसे ही पीएम मोदी ने राम मंदिर निर्माण के लिए राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की घोषणा की उसके बाद कार्यशाला में चहल-पहल बढ़ गई.
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कार्यशाला के प्रभारी अन्नू भाई सोमपुरा का कहना है कि राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपालदास को राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में जगह नहीं दी गई है. विहिप के उपाध्यक्ष चंपत राय को भी अभी ट्रस्ट में जगह नहीं मिली है. लेकिन राम मंदिर निर्माण की तिथि की निकटता को देखते हुए पत्थरों को साफ करने का काम शुरू हो गया है.
उन्होंने कहा कि यह स्पस्ट है कि विहिप के राम मंदिर मॉडल पर ही मंदिर का निर्माण होगा. विहिप और न्यास द्वारा कार्यशाला में तराशकर रखे गए पिंक स्टोन से राम मंदिर निर्माण का कार्य शुरू होगा. आपको बता दें कि अयोध्या की कार्यशाला में भरतपुर राजस्थान से आए पिंक पत्थरों को तराशकर रखा गया है. अभी तक एक लाख घन फुट पत्थरों को तराशा जा चुका है. विहिप के प्रस्तावित राम मंदिर मॉडल के अनुसार राम मंदिर निर्माण में एक लाख पिचहत्तर हजार घन फुट पत्थरों को तराशा जाना है.
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