सीएम अखिलेश की विधायकों के साथ अहम बैठक, पार्टी विधायकों से ले सकते हैं समर्थन का शपथ पत्र
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सीएम अखिलेश की विधायकों के साथ अहम बैठक, पार्टी विधायकों से ले सकते हैं समर्थन का शपथ पत्र

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है और सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) में जारी घमासान थम नहीं रहा है। सुलह की सारी कोशिशें  अब तक नाकाम रही हैं। वहीं, लखनऊ में समाजवादी पार्टी की अहम बैठक गुरुवार को हो रही है। ये बैठक सीएम अखिलेश यादव के सरकारी आवास पर बुलाई गई है।

सीएम अखिलेश की विधायकों के साथ अहम बैठक, पार्टी विधायकों से ले सकते हैं समर्थन का शपथ पत्र

लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है और सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) में जारी घमासान थम नहीं रहा है। सुलह की सारी कोशिशें  अब तक नाकाम रही हैं। वहीं, लखनऊ में समाजवादी पार्टी की अहम बैठक गुरुवार सुबह से हो रही है। ये बैठक सीएम अखिलेश यादव के सरकारी आवास पर बुलाई गई है। दूसरी ओर, उधर, समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव दिल्ली पहुंच गए हैं। चुनाव आयोग को विधायकों, विधान पाषर्दों और सांसदों के हस्ताक्षर वाला हलफनामा सौंपे जाने की संभावना है। सूत्रों के अनुसार, मुलायम अब दिल्‍ली में वरिष्‍ठ वकीलों से सलाह मशविरा करेंगे।

जानकारी के अनुसार, अखिलेश की पार्टी विधायकों के साथ अहम बैठक हो रही है। बैठक में सपा विधायकों के अलावा विधान परिषद सदस्‍य भी शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार, अखिलेश इन विधायकों से समर्थन का शपथ पत्र ले सकते हैं। इस बैठक में आजम खान भी शामिल हुए हैं। बता दें कि सांसदों ने भी अखिलेश के समर्थन में शपथ पत्र दिए हैं। सूत्रों के अनुसार, 19 राज्‍यसभा सांसदों में से 12 सांसद अखिलेश के साथ हैं। चुनाव की तारीखों के ऐलान करने के बाद अखिलेश यादव बैठक में चुनाव की रणनीति पर चर्चा कर सकते हैं। हालांकि अभी सपा में जारी संकट का कोई समाधान नहीं निकल पाया है। विधायकों व बड़े नेताओं की इस बैठक में अखिलेश पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की हैसियत से विधायकों को चुनावी तैयारियों के संबंध में निर्देश देंगे। सूत्रों के मुताबिक पार्टी प्रत्याशियों की नई सूची भी जारी कर सकती है।

सपा में मौजूदा स्थिति को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि पार्टी अब दो फाड़ हो चुकी है। हालांकि, प्रदेश विधानसभा चुनाव की घोषणा के मद्देनजर फिलहाल सर्वे में सबसे आगे चल रही सपा के लिये आपसी मतभेद दूर करना जरूरी है, क्योंकि ऐसा नहीं होने से कार्यकर्ताओं में भ्रम की स्थिति रहेगी कि कौन सा धड़ा असली समाजवादी पार्टी है। पिछले रविवार को विवादित राष्ट्रीय अधिवेशन में मुलायम की जगह अखिलेश को अध्यक्ष बनाये जाने को लेकर सपा में दो फाड़ हो जाने के बाद आजम खान ने बुधवार को दोनों पक्षों के बीच सुलह की नाकाम कोशिश की थी। खां ने आज दोबारा प्रयास शुरू किये और सुबह सपा मुखिया के घर पहुंचे। मुलायम और उनके भाई शिवपाल सिंह यादव से करीब पांच घंटे तक मुलाकात के बाद खां मुख्यमंत्री से भी उनके आवास पर मिले। हालांकि, सुलह-समझौते की ये तमाम कोशिशें उस वक्त और भी अर्थहीन नजर आयीं, जब अखिलेश के हिमायती रामगोपाल यादव ने किसी भी तरह के समझौते से इनकार कर दिया और कहा कि बातचीत की खबरें महज अफवाह हैं।

इस बीच, मुख्यमंत्री अखिलेश ने लखनउ में एक कार्यक्रम में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बारे में पूछने पर कहा कि हम चुनाव में जा रहे हैं, कहां नट-बोल्ट इस्तेमाल करना है, हम जानते हैं, हम इसे ठीक से करेंगे।

दूसरी ओर, समाजवादी पार्टी (सपा) के अखिलेश गुट ने आजमगढ़ समेत चार जिलों में पार्टी के बर्खास्‍त्‍ अध्यक्षों को बुधवार को बहाल कर दिया। यहां जारी एक बयान के मुताबिक सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने देवरिया, कुशीनगर, आजमगढ़ एवं मिर्जापुर जिलों के सभी पूर्व नामित अध्यक्षों राम इकबाल यादव, राम अवध यादव, हवलदार यादव तथा आशीष यादव को बहाल कर दिया है।

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