मुख्यमंत्री ने PAC (Provincial Armed Constabulary) जवानों को तत्काल प्रमोशन देने के दिए आदेश जारी किए हैं. उन्होंने अधिकारियों से दो टूक कहा दिया है कि वह पुलिस जवानों का मनोबल गिराने वाला कोई निर्णय बर्दाश्त नहीं करेंगे.
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लखनऊ: पीएसी जवानों को प्रमोशन ना देने के गैरिजिम्मेदार निर्णय को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेहद नाराजगी जाहिर की है और अधिकारियों को फटकार लगाई है. उन्होंने PAC (Provincial Armed Constabulary) जवानों को तत्काल प्रमोशन देने के दिए आदेश जारी किए हैं. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से दो टूक कहा दिया है कि वह पुलिस जवानों का मनोबल गिराने वाला कोई निर्णय बर्दाश्त नहीं करेंगे. सीएम ने पीएसी जवानों के प्रमोशन को लेकर शासन को जानकारी दिए बगैर निर्णय करने वाले अफसरों के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं.
जानिए क्या है पीएसी जवानों के डिमोशन का पूरा मामला
दरअसल 2008 से पूर्व पीएसी जवानों को सिविल पुलिस में स्थानांतरण हो जाया करता था. इसके तहत कुल 932 पुलिसकर्मी पीएसी से सिविल पुलिस में आए. उनमें 890 कांस्टेबल्स को हेड कांस्टेबल के पद पर प्रमोट किया गया, 6 को सब इंस्पेक्टर पद पर प्रोन्नति मिली, 22 कांस्टेबल के पद पर ही रहे और 14 की मृत्यु हो गई. पीएसी के जिन जवानों को सब इंस्पेक्टर पद पर प्रमोशन नहीं मिला उन्होंने अदालत का रुख किया. अदालत ने इस मामले पर डीजीपी मुख्यालय से जवाब मांगा.
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अदालत को दिए अपने जवाब में डीजीपी मुख्यालय ने इस स्थानांतरण के आदेश को ही गलत बता दिया. जवाब में डीजीपी मुख्यालय की ओर से कहा गया कि पीएसी व सिविल पुलिस दो अलग-अलग सुरक्षा बल हैं. पूर्व में पीएसी से कुछ लोगों की ड्यूटी सिविल पुलिस में लगाई गई थी, जिसे काडर ट्रांसफर नहीं कहा जा सकता. क्योंकि इसका न तो कोई शासनादेश है और न ही किसी नियमावली में प्राविधान. इसके बाद इन सभी जवानों को पीएसी में अपने पुराने पदों पर ही वापस आना पड़ा. यानी सिविल पुलिस में ट्रांसफर के दौरान जो उनका प्रमोशन हुआ था वह रद्द हो गया.
मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी ने पीएसी के कतिपय जवानों को पदावनत किए जाने के प्रकरण को गम्भीरता से लेते हुए @dgpup को निर्देशित किया है कि वे समस्त कार्मिकों की नियमानुसार पदोन्नति सुनिश्चित कराएं।
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) September 26, 2020
मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताते हुए डीपीजी से मांगा जवाब
सिविल पुलिस से पीएसी में वापस भेजे गए तो जवानों के डिमोशन की बता जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पता लगी तो वह बेहद नाराज हुए. मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताते हुए डीजीपी को निर्देश दिए कि इन सभी 900 जवानों को तुरंत प्रमोशन किया जाए. मुख्यमंत्री ने शासन को निर्देश दिए कि जिस अधिकारी ने बिना सरकार के संज्ञान में लाए यह फैसला लिया उसके खिलाफ जांच कर रिपोर्ट दें और सख्त कार्रवाई की जाए. डिमोट हुए पीएसी जवानों में मुख्यमंत्री के इस आदेश के बाद खुशी है. उन्हें जल्द ही फिर से प्रमोट कर दिया जाएगा.
मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि शासन के संज्ञान में लाए बगैर ऐसी कार्यवाही से पुलिस बल के मनोबल पर प्रभाव पड़ता है।
शासन के संज्ञान में प्रकरण को लाए बगैर ऐसा निर्णय जिन अधिकारियों द्वारा लिया गया, उनका उत्तरदायित्व निर्धारित कर शासन को आख्या भी उपलब्ध कराएं।
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) September 26, 2020
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