योगी सरकार ने मथुरा जिले के बरसाना, नंदगांव, बलदेव, गोकुल, गोवर्धन और राधाकुंड में शराब की बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगा दी है.
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नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कई अहम फैसले लिए हैं. एक फैसले के तहत सरकार ने ब्रजभूमि में शराब की बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. मथुरा जिले के बरसाना, नंदगांव, बलदेव, गोकुल, गोवर्धन और राधाकुंड में शराब की बिक्री पर राज्य सरकार ने रोक लगा दी है. इसके अलावा सरकार ने 340 किलोमीटर लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए नए सिरे से निविदा मंगाने का फैसला लिया है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए. राज्य के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने सरकार द्वारा लिए फैसलों के बारे में मीडिया को बताते हुए कहा कि एक अहम फैसला पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को लेकर लिया गया है. 340 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए नए सिरे से निविदा मंगवाई जाएंगीं.
उन्होंने बताया कि एक अन्य फैसला ब्रजभूमि में शराब की बिक्री को लेकर लिया गया है. श्रीकांत शर्मा ने बताया कि ब्रजभूमि एक लाखों-करोड़ों लोगों की श्रद्धा का केंद्र है और यहां देश-दुनिया से लोग आते हैं. ब्रजभूमि में शराब बिक्री पर रोक लगाने की मांग काफी समय से उठती रही है. लोगों की मांग को देखते हुए यूपी सरकार ने ब्रजभूमि में शराब की बिक्री पर रोक लगाने का कदम उठाया है. ऊर्जा मंत्री ने बताया कि मथुरा जिले के राधाकुंड, गोवर्धन, नंदगांव, बरसाना और बलदेव इलाके में शराब की बिक्री पर रोक लगाई गई है.
Complete liquor ban imposed in Mathura's Barsana, Baldev, Gokul, Govardhan, Nandgaon, Radha-kund areas.
— ANI UP (@ANINewsUP) 5 जून 2018
निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक
एक अन्य फैसले में योगी सरकार ने निजी स्कूलों में मनमानी फीस पर नियमावली का प्रस्ताव पेश किया गया, जिसे पारित कर दिया गया. इस प्रस्ताव के तहत अब निजी स्कूल 7 से 8 फीसदी से अधिक फीस नहीं बढ़ा सकेंगे. इस फैसले के तहत निजी स्कूलों में हर साल 7-8 फीसदी से ज्यादा फीस वृद्धि अब नहीं हो सकती और क्लास 12 तक सिर्फ एक ही बार एडमिशन फीस ली जा सकेगी.
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नियमों का उल्लंघन करने वाले स्कूलों पर होगी कार्रवाई होगी. अगर स्कूल नियमों का उल्लंघन करते हैं तो ऐसा पहली बार करने पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगेगा. दूसरी बार ऐसा करने पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगेगा. अगर तीसरी बार भी नियमों को उल्लंघन किया गया तो स्कूल की मान्यता रद्द कर दी जाएगी.
अधिकांश स्कूल अपने यहां कॉमर्शियल एक्टिविटी करते हैं. उसकी आय को उन्हें स्कूल की आय में दिखाना होगा. इससे स्कूल की आय बढ़ जाएगी. अभी तक स्कूल यह कहते थे कि स्कूल की आय कम है. अब जब आय बढ़ेगी तो अध्यापकों की फीस बढ़ेगी और बच्चों की फीस कम होगी. स्कूल 5 वर्षों तक ड्रेस में परिवर्तन नहीं कर सकते. अगर ऐसा होगा तो मंडलायुक्त स्तर पर एक कमेटी होगी जो इसकी जांच करेगी. सभी खर्चों को वेबसाइट पर प्रदर्शित करना होगा. त्रैमासिक, अर्ध वार्षिक शुल्क ही लिया जा सकता है. सालभर की फीस एक साथ लेने पर भी पाबंदी होगी.