डासना मंदिर से बोर्ड हटाने को लेकर बोले महंत- किसी भी कीमत पर नहीं हटाएंगे
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डासना मंदिर से बोर्ड हटाने को लेकर बोले महंत- किसी भी कीमत पर नहीं हटाएंगे

मंदिर प्रशासन का कहना है कि वे किसी भी कीमत पर इस बोर्ड को नहीं हटाएंगे. यह बोर्ड जब 10 साल पहले लगाया गया था. उस समय प्रदेश में बसपा की सरकार थी.उसके बाद समाजवादी पार्टी की सरकार बनी और अब भाजपा की सरकार है. लेकिन अब यह बोर्ड नहीं हटाया जाएगा.

डासना मंदिर के प्रवेश द्वार पर लगा बोर्ड

गाजियाबाद: डासना के एक मंदिर के अंदर पानी पीने गए मुस्लिम लड़के की पिटाई का वीडियो वायरल होने के बाद अब यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है. वायरल वीडियो की पड़ताल करते हुए जी मीडिया की टीम आसिफ तक पहुंची, जिसकी पिटाई का वीडियो वायरल हुआ था. आसिफ ने बताया कि वह पानी पीने के लिए मंदिर के अंदर गया था. जिसके बाद उसकी पिटाई की गई. उसको उस बोर्ड के बारे में नहीं पता था, जो मंदिर के बाहर लगा था.वहीं मंदिर के महंत यति नरसिंहनंद सरस्वती ने कहा कि बसपा सरकार के समय से ही यह बोर्ड लगा है. बोर्ड को मंदिर प्रशासन किसी कीमत पर नहीं हटाएंगे.

मंदिर में प्रवेश को लेकर आसिफ की हुई थी पिटाई 
दरअसल,  डासना इलाके में स्थित मंदिर के प्रवेश द्वार पर एक बोर्ड लगा हुआ है. 'उस बोर्ड पर बड़े-बड़े अक्षरों में साफ-साफ लिखा हुआ है यह मंदिर हिंदुओं का पवित्र स्थल है. यहां पर मुसलमानों का प्रवेश वर्जित है.आदेशानुसार यति नरसिंहनंद सरस्वती'. इसी मंदिर में आसिफ हाल ही में पानी पीने के लिए अंदर गया था. जहां पर मंदिर के एक कर्मचारी के द्वारा उसकी पिटाई कर दी गई.

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बसपा सरकार में लगा था बोर्ड 
मंदिर प्रशासन का कहना है कि वे किसी भी कीमत पर इस बोर्ड को नहीं हटाएंगे. यह बोर्ड जब 10 साल पहले लगाया गया था. उस समय प्रदेश में बसपा की सरकार थी.उसके बाद समाजवादी पार्टी की सरकार बनी और अब भाजपा की सरकार है. लेकिन अब यह बोर्ड नहीं हटाया जाएगा. 

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महंत ने लगाया यह आरोप
मंदिर के महंत यति नरसिंहनंद सरस्वती ने जी मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि 'वह लड़का (आसिफ) मंदिर परिसर के अंदर आकर गलत काम कर रहा था'. इस वजह से उसकी पिटाई की गई. उन्होंने बोर्ड हटाने की बात पर कहा कि अगर जिला प्रशासन और पुलिस इस बोर्ड को हटवाने की कोशिश करेगी, तो वो भी अपने शास्त्रों का प्रयोग करेंगे.

क्या बोले MLA हाजी असलम 
इस मामले में सियासत शुरू हो गई है. धौलाना से बसपा विधायक हाजी असलम चौधरी का कहना है कि जो कुछ हुआ वह गलत हुआ है. उन्होंने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी की है. साथ ही उन्होंने मंदिर के प्रवेश द्वार पर लगे बोर्ड को हटाने के लिए जिला प्रशासन और मुख्यमंत्री से मांग की है.

पांडव बिता चुके हैं समय 
डासना देवी मंदिर पौराणिक समय से महाभारत के इतिहास से जुड़ा हुआ है. यहां पर अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने कुछ समय बिताया था. इस मंदिर पर जब हमला हुआ था तो यहां पर देवी देवाताओं की मूर्तियों को मंदिर परिसर में बने एक तालाब में छुपा दिया गया था. नवरात्र पर्व के मौके पर अष्टमी और नवमी के दिन हजारों की संख्या में लोग ऐतिहासिक महत्व वाले डासना स्थित प्राचीन देवी में दर्शन के लिए आते हैं. परिवार के लोगों की सुख शांति के लिए प्रचंड चंडी देवी की पूजा करते हैं. करीब पांच हजार साल पुराने इस मंदिर में भगवान शिव, नौ दुर्गा, सरस्वती, हनुमान की मूर्ति स्थापित हैं.

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