कुलदीप नेगी/देहरादून: उत्तराखंड को आखिरकार डेढ़ महीने के बाद नेता प्रतिपक्ष के रूप में प्रीतम सिंह मिला गया है. समर्थकों की मौजूदगी में कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने सोमवार को विधानसभा में कार्यभार ग्रहण किया. उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव-2022 में कांग्रेस पार्टी पुन: वापसी करते हुए उत्तराखंड में सरकार बनाएगी. 


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पार्टी में चेहरे की लड़ाई बदस्तूर जारी 
भले ही कांग्रेस ने प्रदेश संगठन में बड़ा बदलाव किया हो लेकिन बावजूद इसके पार्टी में चेहरे की लड़ाई अभी भी बदस्तूर जारी है. सोमवार को प्रीतम सिंह ने विधानसभा पहुंचकर नेता प्रतिपक्ष जिम्मेदारी भले ही संभाल ली है लेकिन कांग्रेस में सीएम के चेहरे के सवाल पर प्रीतम सिंह ने कहा कि क्या मेरा चेहरा खराब है. जीते हुए विधायक ही अपना नेता चुनेंगे. साफ है कि भले ही प्रीतम सिंह को अध्यक्ष पद से हटा नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई हो लेकिन इतनी जल्दी वो अपने हथियार डालने को तैयार नहीं हैऔर न ही वे हरीश रावत के चेहरे पर मानेंगे. 


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कांग्रेस को सड़क पर संघर्ष की जरूरत है-प्रीतम सिंह
नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी संभालते ही प्रीतम सिंह ने कहा कि तमाम सारे मुद्दे हैं जिन को लेकर वो विधानसभा के भीतर यानी सदन में सरकार को घेरने की कोशिश करेंगे और सड़क पर भी सरकार को घेरेंगे. प्रदेश का राजनीतिक माहौल, महंगाई, बेरोजगारी, विकास कार्य, कोरोना जैसे मुद्दे होंगे. नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि कांग्रेस को सड़क पर संघर्ष की जरूरत है. सत्ता में बैठे लोगों ने प्रयोगशाला बनाने का काम किया है. साढ़े 4 सालों में 3-3 मुख्यमंत्री दिए हैं. 2017 के चुनाव में जो बड़े वादे किये वो पूरे नहीं किए. 


 2022 में पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त सरकार देंगे-प्रीतम
प्रीतम सिंह ने कहा की जनता से वादा है कि 2022 में पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त सरकार देंगे. बदलाव के बाद कांग्रेस की अंदरूनी स्थिति को लेकर प्रीतम सिंह ने कहा कि कांग्रेस में ऑल इज वेल है. वहीं खुद की नाराजगी के सवाल पर उन्होंने कहा कि उनकी किसी भी तरह की कोई भी नाराजगी नहीं है. पार्टी समितियों की बैठक में शामिल न होने का कारण उनका निजी है इसका कतई अर्थ नहीं है कि उनकी नाराजगी है.


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