'पहले जूते मारने की बात करने वाली पार्टी को अब कैसे सम्मान की बात याद आई'-महंत नरेंद्र गिरी
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'पहले जूते मारने की बात करने वाली पार्टी को अब कैसे सम्मान की बात याद आई'-महंत नरेंद्र गिरी

चुनाव से पहले ही सपा -बसपा को क्यों ब्राह्मणों की याद आई. महंत नरेंद्र गिरी ने सुझाव दिया है कि जातीय सम्मेलनों के बजाय विकास के मुद्दे पर अपनी नीतियों और कार्यक्रमों के ज़रिये सियासी पार्टियों को जनता से वोट मांगना चाहिए.

'पहले जूते मारने की बात करने वाली पार्टी को अब कैसे सम्मान की बात याद आई'-महंत नरेंद्र गिरी

मो.गुरफान/प्रयागराज: बहुजन समाज पार्टी के ब्राह्मण सम्मेलन को लेकर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने निशाना साधा है. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने इसे हिन्दू समाज पर कुठाराघात करार दिया है. परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने बीएसपी से सवाल पूछते हुए कहा कि, पहले जूते मारने की बात करने वाली पार्टी को अब कैसे सम्मान की बात याद आई.

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'सिर्फ सियासी फायदे के लिए ब्राह्मण सम्मेलन' 
यूपी विधानसभा चुनाव से पहले सियासी पार्टियों में ब्राह्मण वोटों को साधने की होड़ मची हुई है. बीएसपी के ब्राह्मण सम्मेलन को लेकर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने कहा है कि कभी तिलक- तराजू और तलवार का नारा देने वाली पार्टी सिर्फ सियासी फायदे के लिए कर ब्राह्मण सम्मेलन कर रही है. उन्होंने कहा है कि पहले ब्राह्मणों को जूते मारने की बात करने वाली पार्टी को अचानक कैसे उनके सम्मान की याद आ गई. 

'ब्राह्मण समाज के लोग बुद्धिजीवी' 
अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने कहा है कि ब्राह्मण समाज के लोग बुद्धिजीवी हैं उन्हें अपने नफा-नुकसान का ठीक से अंदाजा भी है. इसलिए बसपा और सपा समेत कोई भी अन्य पार्टी उन्हें कतई बरगला नहीं सकती. उन्होंने कहा है कि ब्राह्मणों को पता है कि उन्हें कहां वोट करना चाहिए और कहां उनका फायदा है.

जातीय आधार पर आयोजित सम्मेलनों पर लगे फौरन रोक-महंत नरेंद्र गिरी
महंत नरेंद्र गिरी ने कहा है कि जातीय आधार पर हो रहे राजनीतिक सम्मेलनों को लेकर चुनाव आयोग को भी संज्ञान लेना चाहिए. उन्होंने जातीय आधार पर आयोजित किए जा रहे सम्मेलनों पर फौरन रोक लगाए जाने की मांग की है. महंत नरेंद्र गिरी ने कहा है कि साधु संत और आर एस एस हिंदू समाज को एकजुट करने में लगे हुए हैं जबकि सियासी पार्टियां उन्हें जातियों में बांट कर अपना हित साधने में लगी हैं. उन्होंने कहा है कि जाति के नाम पर सम्मेलन करना पूरी तरह से गलत है. क्योंकि इससे हिंदू समाज अलग-अलग वर्गों में बंटेगा और हिन्दू समाज कमजोर होगा.

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विकास के मुद्दे पर पार्टियां मांगे वोट
नरेंद्र गिरी ने सवाल किया कि चुनाव से पहले ही सपा -बसपा को क्यों ब्राह्मणों की याद आई महंत नरेंद्र गिरी ने सुझाव दिया है कि जातीय सम्मेलनों के बजाय विकास के मुद्दे पर अपनी नीतियों और कार्यक्रमों के ज़रिये सियासी पार्टियों को जनता से वोट मांगना चाहिए.

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