मौसम विज्ञान केंद्र की रिपोर्ट के मुताबिक समुद्री चक्रवात और पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के चलते मौसम में आए बदलाव की वजह से उत्तरकाशी, चमोली, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है.
चमोली जिले में भी 2 दिनों से लगातार बारिश जारी है. हालांकि बारिश तेज नहीं है लेकिन 19 मई की सुबह से अभी तक लगातार बारिश हो रही है. मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार पहाड़ी क्षेत्रों में 19 और 20 मई को हाई अलर्ट जारी किया गया था. जिसमें कहीं बादल फटने की घटनाएं भी सामने आ सकती हैं.
चमोली में अभी तक सब सुरक्षित है, लेकिन प्रशासन ने यात्रा रूट पर खासकर बद्रीनाथ, जोशीमठ सहित जनपद के अन्य क्षेत्रों में पुलिस, आपदा प्रबंधन, तहसील प्रशासन, एसडीआरएफ को अलर्ट मोड पर एक्टिव रखा हुआ है, ताकि इस दौरान कोई भी अप्रिय घटना सामने आती है, तो तुरंत मौके पर आपदा टीम पहुंच सके.
नैनीताल में भी देर रात से हो रही मूसलाधर बारिश ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. बारिश के चलते हल्द्वानी-अल्मोड़ा एनएच 87 वीरभट्टी पुल के नजदीक मलबा आने से बंद हो गया है.
मलबा आने से एनएच 87 पर वाहनों की आवाजाही अभी भी प्रभावित है. ड्यूटी में तैनात कर्मचारियों के मुताबिक मौसम के लिहाज से मिले अलर्ट के चलते वे 24 घण्टे अलर्ट पर हैं.
हाइवे खोलने के लिए रानीबाग से जेसीबी को भेज दिया गया है. बारिश के चलते मलबा हटाने में लोक निर्माण विभाग को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
चमोली में लगातार हो रही बारिश के कारण बद्रीनाथ हाईवे तीन जगह पर बाधित हुआ है. लामबगढ़ में 20 मीटर से अधिक हाईवे ढह गया है. वहीं हनुमान चट्टी रडांक बैंड में भी भूस्खलन से हाईवे बाधित हो गया है.
लामबगड़ में एक मालवाहक ट्रक व कुछ गाड़ियां भूस्खलन की चपेट में आई हैं. प्रशासन ने मौके पर एसडीआरएफ, आपदा प्रबंधन और पुलिस टीम को मौके के लिए रवाना कर दिया है.
इसके अलावा दो जगह पर ग्लेशियर भी टूटा है. लांमबगढ़ के पास कचड़ा नाला के ऊपर और बद्रीनाथ से आगे धंतोली की पहाड़ी से ग्लेशियर टूटा है. हालांकि, दोनों के टूटने से कोई नुकसान नहीं हुआ है. दोनों ग्लेशियर बर्फ की नदी की तरह बह रहे हैं. जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ है.