Dehradun News: पूरे देश में भीषण गर्मी पड़ने के बाद मानसून ने हर जगह अपनी दस्तक देनी शुरू कर दी है. इसी प्रकार उत्तराखंड में भी मानसून की बारिशें होने लगी हैं. कहीं बारिश होने से गर्मी से छुटकारा मिला है तो कहीं ... पढ़िए पूरी खबर ...
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Uttarakhand News: पूरे देश में भीषण गर्मी पड़ने के बाद मानसून ने हर जगह अपनी दस्तक देनी शुरू कर दी है. इसी प्रकार उत्तराखंड में भी मानसून की बारिशें होने लगी हैं. प्री मानसून की इस बारिश ने पूरे राज्य को भीषण गर्मी से निजात दिया है. लेकिन, कहीं बारिश के साथ ही सरकारी और विभागीय दावों की पोल भी खुल रही है. तो दूसरी तरफ प्रदेश का वन विभाग गर्मी में नष्ट हुई वन संपदा को फिर से रोपण करने के प्रयास में लगने की तैयारी कर रहा है.
उत्तराखंड में मानसून की दस्तक
प्रदेश में प्री मानसून की शुरुआत हो चुकी है. ऐसे में बादलों ने अपना डेरा जमा लिया है. मौसन विभाग की माने तो प्रदेश में शुरुआती दिनों में हल्की बारिश जबकि आने वाले दिनों में भारी बारिश की संभावना है. मौसम के पूर्वानुमान को जारी करते हुए मौसम विज्ञान केंन्द्र देहरादून के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि प्रदेशभर के कई क्षेत्रों में आने वाले कुछ दिनों में हल्की से मध्यम बारिश देखने को मिल सकती है. जबकि 27 जून से इसमें अधिक सक्रियता देखने को मिलेगी और अधिक ऊंचाई वाले जिलों पिथौरागढ़, बागेश्वर, चमोली, नैनीताल साथ ही देहरादून में भी कुछ जगहों पर भारी बारिश देखने को मिल सकती है.
सरकारी और विभागीय दावों की खुली पोल
उत्तराखंड में प्री-मानसून की बारिश ने अल्मोड़ा में सरकारी और विभागीय दावों की पोल खोलना शुरू कर दिया है. प्री मानसून की बारिश में ही अल्मोड़ा नगर में पं० गोविंद बल्लभ पंत पार्क के आगे नाली चोक हो गयी. नाली बंद होने से सड़क पर पानी जमा हो गया. इससे वाहनों और स्थानीय लोगों को आवाजाही में दिक्कतों का सामना करना पड़ा. हालांकि लोक निर्माण विभाग मानसून को लेकर मुस्तैद होने का दावा कर रहा है. जबकि नगर व ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क किनारे बनी कई नालियां मलबे से बंद पड़ी हैं. तो वहीं कई जगहों पर सड़कों में गड्डे पड़े हुए हैं.
मानसून में वन विभाग अलर्ट
प्रदेश में मानसून की दस्तक के बाद उत्तराखंड वन विभाग अब अलर्ट मोड पर आ गया है. इसे देखते हुए वन विभाग वनाग्नि से प्रभावित वन क्षेत्रों में वृक्षारोपण करने की तैयारी में है. इस बात को लेकर वन विभाग के हॉफ डॉ. धनंजय मोहन ने बताया कि पूरे प्रदेश में बारिश होने की वजह से अब वनाग्नि का एक भी मामला देखने को नहीं मिल रहा है. इससे बहुत ज्यादा राहत हुई है. साथ ही उन्होंने कहा कि हम वृक्षारोपण के काम में स्थानीय समुदायों को भी जोड़ रहे हैं. इनके साथ सोइल एंड मॉइश्चर कंजर्वेशन के तहत हम छोटी जलधाराओं का ट्रीटमेंट कर रहे हैं. ताकि पानी के बहाव के साथ बहने वाली मिट्टी पर काबू पा सकें.
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