योगेश नगरकोटि/बागेश्वर : आपने बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री के बारे में जरूर सुना होगा. कहते हैं कि वह लोगों के मन की बात जानकर उनकी समस्या का समाधान कर देते हैं. ऐसा दावा है कि रामकथा के साथ ही वे दिव्य दरबार लगाते हैं, जिसमें वे चमत्कारिक रूप से लोगों के दु:ख दूर करते हैं. उनके चमत्कार देख लोग उनसे सम्पर्क करने की कोशिश करते हैं. लोगों की यही कोशिश कई सौ किलोमीटर दूर उत्तराखंड के बागेश्वर पुलिस के कोतवाल के लिए मुसीबत बन गयी है. कोतवाल साहब को बाबा के दरबार में पर्चा लगाने के लिए रात 2 बजे से फोन आने शुरू हो जाते हैं. कोतवाल साहब कुछ समझाये तो भक्त पहले गुहार लगाते हैं फिर उन्हीं को उनकी ड्यूटी समझाते हैं या फिर मिन्नतें और धमकियां देने लगते हैं.


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बागेश्वर कोतवाल को भक्तों के ही नहीं दूसरे राज्यों के पुलिस जवानों के फोन भी आ रहे हैं. उन्हें पुलिस विभाग का हवाला दिया जा रहा है. अपनी भारी-भरकम समस्या बताई जा रही है. और एक बार बाबा के दरबार में पर्चा लगवाने की मिन्नतें की जा रही हैं. फोन सिर्फ पुलिस को ही नहीं नगर के और भी कई लोगों को आ रहें हैं. बात यहीं खत्म नहीं होती कई लोग बाबा धीरेन्द्र शास्त्री को ढूंढते हुए बागेश्वर पहुंच रहें हैं. यहां पहुंचने पर पता चलता है कि यह मध्य प्रदेश के छतरपुर का बागेश्वर नहीं बल्कि उत्तराखंड का बागेश्वर हैं. 
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दरअसल बागेश्वर जिले के कोतवाल साहब का नंबर एक पुलिस अधिकारी के तौर पर सार्वजनिक जगहों पर उपलब्ध है. ऐसा इसलिए किया गया है जिससे लोग उनके इलाके में होने वाली अपराध की जानकारी दे सकें. लेकिन अब यही नंबर बागेश्वर के भक्तों के बीच वायरल हो गया है. ऐसे में लोग बिना जांच पड़ताल किए उन्हें फोन घनघनादेते हैं. अब बागेश्वर धाम के नाम से बागेश्वर कोतवाल कैसे निपटे उन्हें समझ नहीं आ रहा है. बागेश्वर धाम के नाम से आने वाले फोन कॉल्स ने जरूर कोतवाल साहब की रात की नींद और दिन का सुकून छीन लिया है.


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