Uttarakhand Tunnel Collapse: देहरादून: उत्तरकाशी के सिल्कयारा टनल में शुक्रवार को छठवें दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. आज का दिन पाइपों के सहारे मजदूरों को निकालने की योजना पर किया जा रहा है. इंदौर से एयरलिफ्ट की गई नई ऑगर ड्रिलिंग मशीन का इस्तेमाल किया जाएगा. रेस्क्यू ऑपरेशन को अच्छे से अंजाम देने के लिए कई और बड़े फैसले लिए जा सकते हैं.
टनल में मलबा आया था
उत्तरकाशी में 12 नवंबर की सुबह 5:45 पर टनल में मलबा आया था. शिफ्ट बदलते वक्त टनल में फंसे 40 मजदूर टनल से निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया था. 13 नवंबर को गिर रहे मलबे को रोकने के लिए कंक्रीट लगाने का ऑपरेशन चला. वहीं 14 नवंबर को छोटी मशीन से मलबे में ड्रिल किया गया लेकिन तीनों ऑपरेशन नाकाम रहे थे. इसके बाद हैवी कैपेसिटी की अमेरिकन ऑगर ड्रिलिंग मशीन 15 नवंबर को लाई गई थी. 16 नवंबर को 11:00 बजे दिन में ड्रिल के जरिए पाइप मलबे में डालने की योजना पर काम किया गया. 17 नवंबर को धीरे धीरे ऑपरेशन को आगे बढ़ाया गया. 18 नवम्बर को ड्रिल का ऑपरेशन नहीं चला, इस दिन हाई लेवल की मीटिंग हुई और फिर इंदौर से एयरलिफ्ट की गई नई ऑगर ड्रिलिंग मशीन से 19 नवंबर को यानी आज टनल के ऊपर से ड्रिल करने का ऑपरेशन चलाया जाएगा.
कई प्लान पर काम
उत्तरकाशी टनल में रेस्क्यू ऑपरेशन के आठवें दिन यानी आज कई प्लान पर काम किया जाएगा.
पहला प्लान- टनल में ड्रिलिंग करके पाइप बिछाने का काम होगा.
दूसरा प्लान- टनल के पीछे से भी ड्रिल करने की तैयारी है.
तीसरा प्लान- टनल के ऊपर से ड्रिल करके रेस्क्यू ऑपरेशन चलेगा.
रेस्क्यू ऑपरेशन के तहत एसडीआरएफ एनडीआरएफ, BRO, आरवीएनएल लोकल पुलिस, ओएनजीसी, टीएचडीसी, सीपीडब्ल्यूडी, एन एचआई डी सी एल जैसे संस्थाओं के एक्सपर्ट भी काम कर रहे हैं. नार्वे के टनल एक्सपर्ट भी इस दौरान मौके पर मौजूद हैं. हॉलैंड से मंगाई जा रही है. नई ड्रिलिंग मशीन जिओ मैपिंग के जरिए टनल का तलाशा जा रहा है.
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