Republic Day: 15 अगस्त से कैसे अलग होता है 26 जनवरी को झंडा फहराने का तरीका, पढ़िए पूरी खबर
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Republic Day: 15 अगस्त से कैसे अलग होता है 26 जनवरी को झंडा फहराने का तरीका, पढ़िए पूरी खबर

हर साल 15 अगस्त और 26 जनवरी को झंडा फहराया जाता है. लेकिन 15 अगस्त और 26 जनवरी को झंडा फहराने में अंतर होता है. आइए आपको उन अंतरों के बारे में बताते हैं...

फाइल फोटो.

नई दिल्ली: हर साल 26 जनवरी को हम गणतंत्र दिवस (Republic Day) मनाते हैं. इस दिन को देशभर में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इसे पहली बार 26 जनवरी, सन 1950 को मनाया गया था. इसके बाद से यह पर्व हर साल मनाया जाता है. इस साल 72वां गणतंत्र दिवस मनाया जाएगा. हर साल गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) के मौके पर राजपथ पर राष्ट्रपति तिरंगा फहराते हैं. वहीं हर साल स्वतंत्रता दिवस इसी तरह लाल किले पर मनाया जाता है. क्या आप जानते हैं दोनों राष्ट्रीय दिवस पर झंडा फहराने में क्या अंतर है?

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राष्ट्रीय ध्वज हमारे देश की शान और गौरव का प्रतीक है. हर साल 15 अगस्त और 26 जनवरी को झंडा फहराया जाता है. लेकिन 15 अगस्त और 26 जनवरी को झंडा फहराने में अंतर होता है. आइए आपको उन अंतरों के बारे में बताते हैं...

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ध्वजारोहण और झंडा फहराना में अंतर
15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस (Indipendence Day) वाले दिन राष्ट्रीय ध्वज को ऊपर खींचा जाता है और फिर फहराया जाता है. दरअसल जिस दिन भारत को आजादी मिली थी उस दिन ब्रिटिश गवर्नमेंट ने अपना झंडा उतारकर भारत के तिरंगे को ऊपर चढ़ाया था, इसलिए हर साल 15 अगस्त को तिरंगा ऊपर खींचा जाता है. फिर फहराया जाता है. इस प्रक्रिया को ध्वजारोहण  (Flag Hoisting) कहते हैं.  वहीं, 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस (Republic Day) वाले दिन राष्ट्रीय ध्वज ऊपर बंधा रहता है. उसे केवल फहराया जाता है. यही वजह है की उसे ध्वजारोहण नहीं बल्कि झंडा फहराना (Flag Unfurling) कहते हैं.

प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति
गणतंत्र दिवस के मौके पर मुख्य कार्यक्रम आयोजित किया जाता है, जिसमें देश के राष्ट्रपति तिरंगा फहराकर उसे नमन करते हैं. वहीं, 15 अगस्त को आयोजित होने वाले मुख्य कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के ध्वजारोहण करने का प्राविधान है.

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आयोजन स्थल
गणतंत्र दिवस के मुख्य कार्यक्रम का आयोजन राजपथ पर किया जाता है. गणतंत्र दिवस वाले दिन राष्ट्रपति यहां झंडा फहराते हैं. वहीं स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मुख्य कार्यक्रम का आयोजन लाल किले पर किया जाता है.  इस दिन प्रधानमंत्री ध्वजारोहण करते हैं और लाल किले से देशवासियों को संबोधित करते हैं.

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26 जनवरी को राष्ट्रपति ही क्यों फहराते हैं तिरंगा
प्रधानमंत्री देश का राजनीतिक प्रमुख होता है जबकि राष्ट्रपति संवैधानिक प्रमुख होता है. देश का संविधान 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ था. क्योंकि उससे पहले न देश में संविधान था और न राष्ट्रपति का पद. इसी वजह से हर साल 26 जनवरी को राष्ट्रपति ही राष्ट्रीय ध्वज 'तिरंगा' फहराते हैं.

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