मोहित गोमत/बुलंदशहर: उत्तर प्रदेश के जिला बुलंदशहर में पिछले साल 3 दिसंबर को स्याना कोतवाली क्षेत्र की चिंगरावठी पुलिस चौकी पर हिंसा के चलते जहां एक इंस्पेक्टर की जान गई थी, वही चिंगरावठी गांव के एक युवक की भी मौत हो गई थी. युवक एनडीए की तैयारी कर रहा था. मृतक इंस्पेक्टर को मरणोपरांत शहीद का दर्जा मिल गया वहीं उसके परिवार के एक बेटे को नौकरी और तमाम सरकारी सुविधाएं मिल गई. लेकिन मृतक नवयुवक सुमित के पिता तब से लगातार अपने बेटे की मौत के मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हुए बार-बार दर-दर की ठोकरें खाते घूम रहे हैं.
बता दें कि स्याना हिंसा में मृतक सुमित के पिता ने चिंगरावठी गांव में आमरण अनशन शुरू कर दिया है. उनका कहना है कि उन्हें सरकार की तरफ से कोई सहयोग नहीं मिल रहा है और जिससे वह काफी परेशान हैं. उन्होंने सरकार से इस मामले की सीबीआई जांच के साथ उनके बेटे को शहीद का दर्जा दिए जाने की मांग की. इतना ही नहीं अनशन पर बैठने के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं, कि जो सुविधाएं एक शहीद के परिजनों को मिलती हैं वहीं उनके परिवार को भी मिलनी चाहिए.
गौरतलब है कि 3 दिसंबर 2018 को पिछले साल यह हिंसा हुई थी, जिसके बाद 27 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की गई थी. करीब 65 लोगों के खिलाफ अज्ञात में मुकदमा पंजीकृत किया गया था, जिसमें 44 लोग सलाखों के पीछे पहुंचाए गए थे. अब तक 40 लोगों को जमानत मिल चुकी है, वहीं हत्या के आरोपी 4 लोग अभी भी सलाखों के पीछे हैं.
फिलहाल चिंगरावठी नयाबांस समेत आस-पास के गांव में 1 साल बाद भी सब कुछ पूरी तरह से सामान्य नहीं हो पाया है, सुमित के पिता अमरजीत सिंह का कहना है कि वो अपने बेटे के लिए न्याय की मांग को लेकर सीएम योगी से भी पूर्व में मुलाकात कर चुके हैं, लेकिन उन्हें कोई मदद कहीं से भी नहीं मिली है.