ग्रेटर नोएडा में दुकान बुक कराने के नाम पर एक दंपत्ति और उनके साथी से 1.10 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी का मामला. कंपनी के चेयरमैन समेत नौ अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज.
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गौतमबुद्ध नगर: शहर में एक और बड़े बिल्डर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. मामला शहर के सेक्टर बीटा-2 में स्थित ओमैक्स कनॉट पैलेस मॉल (Omex Connaught Palace Mall) से जुड़ा है. यहां दुकान बुक कराने के नाम पर एक दंपत्ति और उनके साथी से 1.10 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. इस मामले में कंपनी के चेयरमैन समेत नौ अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.
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12 साल बाद नहीं दिया कब्जा
जिला न्यायालय (District Court) के आदेश पर बीटा-2 कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है. आरोप है कि दुकान खरीदने के 12 साल बाद भी कब्जा नहीं दिया गया. पैसा वापस मांगने पर जान से मारने की धमकी दी गई है. पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक हरियाणा के गुरुग्राम सेक्टर-30 के निवासी परितोष दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में कमर्शियल प्रॉपर्टी की तलाश कर रहे थे. साल 2008 में उन्होंने पहले ओमैक्स कंपनी के कालकाजी दिल्ली में दफ्तर और ओमैक्स कनॉट प्लेस मॉल ग्रेटर नोएडा की साइट पर जाकर जानकारी हासिल की.
गुरुगाम सेक्टर-30 के निवासी परितोष का आरोप
ओमैक्स कनॉट प्लेस की साइट पर आए तो कंपनी के चेयरमैन-एमडी रोहताश गोयल, एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर देवीदास काशीनाथ कुंबले, गुरनाम सिंह, श्रीधर राय आदि से मुलाकात हुई. परितोष का आरोप है कि उन्हें इन लोगों ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के सभी जरूरी कागजात और एनओसी उनके पास हैं. प्रोजेक्ट को ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण से अनुमति मिल गई है.
पैसा नहीं मिलने पर खटखटाया कोर्ट का दरवाजा
परितोष ने कोर्ट को बताया कि फरवरी 2009 में उन्होंने ओमैक्स कनॉट प्लेस मॉल में अपने नाम, पत्नी कुसुम और दोस्त धर्मेंद्र कुमार के नाम कुल 1656 वर्ग मीटर एरिया की एक शॉप बुक करवाई. कंपनी प्रबंधन ने फरवरी 2012 में कब्जा दिया जाना बताया गया था. अब परितोष का आरोप है कि तय समय पर कब्जा नहीं दिया गया. परितोष, कुसुम और उनके दोस्त इस संबंध में कई बार कंपनी के अधिकारियों से मिले. कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया. कब्जा मिलने में देरी होने पर अपना पैसा वापस मांगा तो वो भी नहीं दिया गया. पीड़ित ने इसकी शिकायत पुलिस से की, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. इसके बाद पीड़ित ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. कोर्ट के आदेश पर बीटा-2 कोतवाली पुलिस ने कंपनी के चेयरमैन-एमडी रोहताश गोयल समेत नौ नामजद और अन्य अज्ञात अधिकारी-कर्मचारी के खिलाफ धोखाधड़ी और अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है.
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आम्रपाली पर ईडी का शिकंजा
आम्रपाली ग्रुप के मददगारों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. 2010 से 2012 के बीच नियमों को दरकिनार कर ग्रुप को मदद पहुंचाने वाले नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के अफसरों को ईडी ने पूछताछ के लिए तलब किया. इसमें नोएडा अथॉरिटी के पूर्व सीईओ मोहिंदर सिंह भी शामिल हैं. आरोप है कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों ने 45 हजार करोड़ रुपये का बकाया होने के बाद भी आम्रपाली ग्रुप को जमीनों का आवंटन किया. ईडी ने अथॉरिटी के पूर्व सीईओ मोहिंदर सिंह, ओएसडी रहे मनोज राय और यशपाल त्यागी, जीएम स्तर के तीन और एजीएम स्तर के एक अधिकारी को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा. माना जा रहा है कि इन सब से इसी सप्ताह पूछताछ शुरू होगी.
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