IPS अजयपाल शर्मा और हिमांशु कुमार के खिलाफ FIR, कॉल और चैट से मिले पुख्ता सबूत
Advertisement

IPS अजयपाल शर्मा और हिमांशु कुमार के खिलाफ FIR, कॉल और चैट से मिले पुख्ता सबूत

आईपीएस डॉ. अजयपाल शर्मा और हिमांशु कुमार पर विजिलेंस मेरठ सेक्टर में एंटी करप्शन एक्ट के अंतर्गत FIR दर्ज हो गई है. दोनों अधिकारियों पर ट्रांसफर और पोस्टिंग के लिए गड़बड़ी का आरोप है. अजयपाल और हिमांशु कुमार के खिलाफ सबूत फोन कॉल और चैट से मिले हैं.

आईपीएस हिमांशु कुमार (L) और अजय पाल शर्मा (R).

लखनऊ: आईपीएस डॉ. अजयपाल शर्मा और हिमांशु कुमार पर विजिलेंस मेरठ सेक्टर में एंटी करप्शन एक्ट के अंतर्गत FIR दर्ज हो गई है. दोनों अधिकारियों पर ट्रांसफर और पोस्टिंग के लिए गड़बड़ी का आरोप है. अजयपाल और हिमांशु कुमार के खिलाफ सबूत फोन कॉल और चैट से मिले हैं. साथ ही, दोनों अधिकारियों पर सस्पेंशन की तलवार लटकी हुई है. कथित पत्रकार चंदन राय,स्वप्निल राय और अतुल शुक्ला का नाम भी एफआईआर में शामिल है. इन सभी पर सरकारी अधिकारी को भ्रष्टाचार के लिए प्रेरित करने का आरोप. बता दें, सभी लोगों पर 'प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट' की धारा 8 और 12 में रिपोर्ट दर्ज की गई है.

झोलाछाप डॉक्टर ने किया इलाज, 22 साल के युवक की चली गई जान

मार्च में अजय पाल और हिमांशु कुमार के खिलाफ शुरू हुई थी विजिलेंस जांच
शासन के निर्देश पर मार्च 2020 में विजिलेंस ने दोनों आईपीएस अधिकारियों के विरुद्ध अपनी जांच शुरू की थी. सूत्रों का कहना है कि विजिलेंस जांच में दोनों अफसरों की कुछ बेनामी संपित्तयों की भी जानकारी सामने आई है. आपको बता दें कि पूर्व गौतमबुद्धनगर एसएसपी वैभव कृष्ण का एक आपत्तिजनक वीडियो वायरल हुआ था, जिसके बाद उन्हें पद से हटा दिया गया था. इस मामले में वैभव कृष्ण ने डीजीपी को पत्र लिख अजय पाल शर्मा और हिमांशु कुमार पर साजिशन उन्हें फंसाने का आरोप लगाया था. उन्होंने इस पत्र में अजय पाल और हिंमाशु कुमार के विरुद्ध ट्रांसफर-पोस्टिंग के नाम पर धन उगाही का भी आरोप लगाया था. यह लेटर लीक हो गया था, जिसकी जांच अलग चल रही है.

अजय पाल शर्मा पर उनकी कथित पत्नी ने भी लगाए थे गंभीर आरोप
इसके अलावा आईपीएस डॉ.अजय पाल शर्मा पर उनकी कथित पत्नी दीप्ति शर्मा ने उत्पीड़न व झूठे मुकदमों में फंसाने के गंभीर आरोप लगाए थे. मामले में डॉ.अजय पाल के अलावा कुछ अन्य पुलिसकर्मी भी आरोपों के घेरे में हैं. गाजियाबाद के साहिबाबाद स्थित आस्था अपार्टमेंट में रहने वाली वकील दीप्ति शर्मा उस वक्त दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस कर रहीं थीं. उनका दावा था कि 2016 में अजय पाल शर्मा के साथ उनकी शादी गाजियाबाद में रजिस्टर्ड भी हुई थी. दीप्ति का कहना था कि डॉ. अजय पाल से उनके रिश्ते कुछ बातों को लेकर खराब हो गए थे. इस संबंध में उन्होंने महिला आयोग, पुलिस विभाग, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में शिकायत भी की थी. शिकायती पत्रों के साथ उन्होंने शादी के सबूत भी लगाए थे.

WATCH LIVE TV:

लखनऊ की 'जहरीली' हवा, सांस लो तो 20% ऑक्सीजन 80% धूल

दीप्ति शर्मा ने आरोप लगाया था कि 18 सितंबर 2019 को रामपुर जिले के सिविल लाइन थाने के बृजेश राना, मथुरा और कुछ अन्य लोग घर पहुंचे. घर से लैपटॉप, डीवीआर और अन्य सामान उठा ले गए. इसकी शिकायत उन्होंने डीआईजी रेंज मेरठ से भी की थी. उनके मुताबिक, 2019 में फोन पर डॉ. अजय पाल शर्मा से उनका झगड़ा हुआ था. इसके बाद उन्हें साजिशन गिरफ्तार करवाया गया. दीप्ति का कहना था कि जेल में रहने के दौरान उनके ऊपर बुलंदशहर के सिकंदराबाद थाना, गाजियाबाद के सिहानी गेट, रामपुर के सिविल लाइन समेत कई जगह धोखाधड़ी, आईटी ऐक्ट समेत कई केस दर्ज किए गए थे. 

महिला ने अजय पाल शर्मा पर झूठे केस में फंसाने का आरोप लगाया था
उन्होंने अजय पाल शर्मा पर आरोप लगाए थे कि उन पर अजय पाल शर्मा के इशारे पर झूठे केस लादे गए, उन्हें परेशान करने के लिए. ताकि दीप्ति डॉ. अजय पाल शर्मा के खिलाफ बयान न दे सकें. दीप्ति ने ये भी आरोप लगाए थे कि उनके मोबाइल डॉ. अजय पाल के परिचित चंदन राय के पास पहुंचा दिए गए थे. मोबाइल से साक्ष्य मिटा दिए गए. लिहाजा पीड़िता ने इस पूरे मामले की जांच के लिए विशेष सचिव गृह डॉ. अनिल कुमार सिंह से गुहार लगाई थी. विशेष सचिव गृह के निर्देश पर हजरतगंज पुलिस ने आईपीएस डॉ. अजय पाल शर्मा, चंदन राय, उपनिरीक्षक विजय यादव, दीप्ति को गिरफ्तार करने वाली अज्ञात टीम व अन्य के खिलाफ गबन, आपराधिक साजिश और साक्ष्य मिटाने की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की थी.

 

Trending news