आर्थिक अपराध अनुसंधान ने छात्रवृत्ति घोटाले में 10 अलग-अलग मुकदमें दर्ज किए हैं. तत्कालीन 10 जिला समाज कल्याण अधिकारी, 2 पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी सहित कुल 22 कर्मचारियों पर मुकदमा दर्ज किया गया है. छात्रवृत्ति घोटाले में 243 स्कूलों के तत्कालीन प्रधानाचार्य और सहखाताधारकों को भी आरोपी बनाया गया.
Trending Photos
लखनऊ: जब देश की प्राथमिक शिक्षा में ही घपला किया जाने लगे तब देश में शिक्षा के स्तर को उत्तम कैसे बनेगा? मामला उन्नाव (Unnao) से है, जहां स्कूल के प्रधानाचार्य पर ही छात्रवृत्ति और किताबों के पैसों के गमन आरोप में मुकदमें दर्ज हुए हैं. उन्नाव में 2001 से 2010 तक हुए छात्रवृत्ति घोटाले (Scholarship Scam) में मुकदमा दर्ज किया गया है.
आर्थिक अपराध अनुसंधान ने छात्रवृत्ति घोटाले में 10 अलग-अलग मुकदमें दर्ज किए हैं. तत्कालीन 10 जिला समाज कल्याण अधिकारी, 2 पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी सहित कुल 22 कर्मचारियों पर मुकदमा दर्ज किया गया है. छात्रवृत्ति घोटाले में 243 स्कूलों के तत्कालीन प्रधानाचार्य और सहखाताधारकों को भी आरोपी बनाया गया.
सभी लोगों पर मिलीभगत कर 44 लाख रुपये का गमन करने का आरोप है. जांच के बाद कई बातें सामने आई हैं. मामले में सभी ब्लॉक के अलग-अलग स्कूलों में संबंधित अधिकारियों ने जमकर बंदरबांट की है. सभी ब्लॉक में अलग-अलग स्कूलों में पैसों का घपला किया गया है. फतेहपुर चौरासी ब्लॉक में 40 स्कूलों में 11 लाख रुपये से ज्यादा के घपले की बात सामने आई है. सफीपुर ब्लॉक के स्कूलों में करीब 3 लाख रुपये की हेरीफेरी हुई है.
लाइव टीवी देखें
इसी तरह से हिलौली ब्लॉक में 8 लाख रुपये, पुरवा ब्लॉक में 3 लाख रुपये से ज्यादा, बिछियां ब्लॉक के 20 स्कूलों में साढ़े 3 लाख रुपये, बीघा पुर ब्लॉक के स्कूलों में 2 लाख रुपये से अधिक, सिकंदरपुर कर्ण ब्लॉक के स्कूलों में ढाई लाख रुपये से ज्यादा, सिकंदरपुर सरौसी ब्लॉक के 31 स्कूलों में करीब 8 लाख रुपये और गंज मुरादाबाद ब्लॉक के स्कूलों में डेढ़ लाख रुपये का घपला सामने आया है.
सभी लोगों पर मिलीभगत करके छात्रवृत्ति और छात्रों की किताबों के पैसों में हेराफेरी करने का आरोप है. उन्नाव के 10 ब्लॉक में 2001 से 2010 तक छात्रवृत्ति घोटाले हुए थे.