प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, ''जसवंत सिंह जी को राजनीति और समाज के प्रति उनके अद्वितीय नजरिए के लिए हमेशा याद रखा जाएगा. उन्होंने भाजपा को मजबूत करने में भी काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. मैं उनके साथ अपनी बातचीत और मुलाकात को हमेशा याद रखूंगा.''
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नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह का रविवार सुबह 82 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. वह काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे और कोमा में चले गए थे. वह अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में वित्त मंत्री, रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री जैसे पदों पर रहे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर जसवंत सिंह के निधन पर शोक प्रकट किया है.
Jaswant Singh Ji served our nation diligently, first as a soldier and later during his long association with politics. During Atal Ji’s Government, he handled crucial portfolios and left a strong mark in the worlds of finance, defence and external affairs. Saddened by his demise.
— Narendra Modi (@narendramodi) September 27, 2020
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, ''जसवंत सिंह जी ने अपने जीवनकाल में लगन के साथ देश सेवा की. पहले एक सैनिक के रूप में, उसके बाद राजनीति में अपने लंबे कार्यकाल द्वारा. अटल जी की सरकार में उन्होंने कई मंत्रालयों की जिम्मेदारी उठाई. वित्त, रक्षा और विदेश मंत्री के रूप में अपना प्रभाव छोड़ा. उनके निधन से दुखी हूं.''
Jaswant Singh Ji will be remembered for his unique perspective on matters of politics and society. He also contributed to the strengthening of the BJP. I will always remember our interactions. Condolences to his family and supporters. Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) September 27, 2020
पीएम ने अपने अगले ट्वीट में लिखा, ''जसवंत सिंह जी को राजनीति और समाज के प्रति उनके अद्वितीय नजरिए के लिए हमेशा याद रखा जाएगा. उन्होंने भाजपा को मजबूत करने में भी काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. मैं उनके साथ अपनी बातचीत और मुलाकात को हमेशा याद रखूंगा. इस दु:ख की घड़ी में मैं उनके परिवार और समर्थकों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं. ओम शांति.''
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जताया शोक
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया, ''भाजना के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह जी के निधन से काफी गहरा दु:ख पहुंचा है. उन्होंने कई भूमिकाओं में रहते हुए देश की सेवा की, रक्षा मंत्री भी रहे. उन्होंने खुद को एक प्रभावी मंत्री और सांसद के रूप में स्थापित किया था. श्री जसवंत सिंह जी को उनकी बौद्धिक क्षमताओं और देश सेवा में उनके उच्च योगदान के लिए याद रखा जाएगा. उन्होंने भाजपा को राजस्थान में मजबूत करने में भी बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उनके परिवार और समर्थकों के प्रति मैं इस दु:ख की घड़ी में संवेदना प्रकट करता हूं.''
Deeply pained by the passing away of veteran BJP leader & former Minister, Shri Jaswant Singh ji. He served the nation in several capacities including the charge of Raksha Mantri. He distinguished himself as an effective Minister and Parliamentarian.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) September 27, 2020
Shri Jaswant Singh ji would be remembered for his intellectual capabilities and stellar record in service to the nation. He also played a key role in strengthening the BJP in Rajasthan. Condolences to his family and supporters in this sad hour. Om Shanti.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) September 27, 2020
कई मौकों पर BJP के लिए संकटमोचक रहे जसवंत सिंह
अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार सरकार में 24 दिसंबर 1999 को इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट नंबर IC-814 को आतंकवादियों ने हाईजैक कर अफगानिस्तान के कंधार में उतारा था. यात्रियों को बचाने के लिए भारत सरकार को तीन खूंखार आतंकियों मुश्ताक अहमद जरगर, अहमद उमर सईद शेख और मौलाना मसूद अजहर को छोड़ना पड़ा था. जसवंत सिंह ही इन आतंकियों को भारत से लेकर कंधार गए थे. जब 1998 में परमाणु परीक्षण के बाद अमेरिका ने भारत पर सख्त प्रतिबंध लगाए थे, तब जसवंत सिंह ने ही बातचीत की थी. पाकिस्तान के साथ 1999 में करगिल युद्ध के दौरान भी उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रही.
पांच बार राज्यसभा और चार बार लोकसभा के सदस्य रहे
जसवंत सिंह का जन्म 3 जनवरी 1938 को राजस्थान के बाड़मेर जिले के जसोल में एक राजपूत परिवार में हुआ था. वह भारतीय सेना में अधिकारी थे. वह भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्यों में एक थे. वह 1980 से 2014 तक लगातार संसद सदस्य रहे. उन्हें भाजपा ने पांच बार 1980, 1986, 1998, 1999, 2004 में राज्यसभा भेजा. जसवंत सिंह चार बार 1990, 1991, 1996, 2009 में लोकसभा सदस्य रहे. भाजपा ने जसवंत सिंह को 2012 में उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया था. लेकिन कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (United Progressive Alliance) के उम्मीदवार हामिद अंसारी के हाथों हार का सामना करना पड़ा.
मुहम्मद अली जिन्ना की तारीफ करने पर पार्टी से हुए बाहर
अपनी एक किताब में जसवंत सिंह ने पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना की तारीफ की, तो भाजपा ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया था. बीजेपी में 2010 में उनकी फिर से वापसी हुई. वर्ष 2014 में वह बाड़मेर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते थे. बीजेपी ने उन्हें टिकट न देकर कांग्रेस से आए कर्नल सोनाराम चौधरी को मैदान में उतारा. इसके बाद जसवंत ने फिर भाजपा छोड़ दी. निर्दलीय चुनाव लड़े, लेकिन हार गए. इसी साल वह बाथरूम में फिसलकर गिर गए थे. उनके सिर में चोट लगी और तबसे जसवंत सिंह कोमा में थे.
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