आपको बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में देश भर में हुए हिंसक प्रदर्शनों में भी PFI यानी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया शामिल था.
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पवन सिंह/मथुरा: हाथरस कांड के बहाने यूपी को जातीय दंगों की आग में झोंकने की साजिश रचने वाले पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और उसके सहयोगी कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI) से जुड़े चार लोगों को पुलिस ने मथुरा से गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने पकड़े गए लोगों के पास से हाथरस कांड से जुड़ा भड़काऊ साहित्य बरामद किया है और इनके मोबाइल, लैपटॉप जब्त किए गए हैं. पुलिस और खुफिया एजेंसियां आरोपियों से पूछताछ में जुटी हैं. उत्तर प्रदेश पुलिस ने हाथरस कांड के बहाने यूपी में जातीय हिंसा भड़काने की साजिश का रविवार को खुलासा किया था. इसमें PFI का नाम भी सामने आया था. गिरफ्तार आरोपियों में मुजफ्फरनगर का अतीक, बहराइच का मसूद अहमद, रामपुर का आलम और केरल के मल्लपुरम का सिद्दीक शामिल हैं.
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आपको बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में देश भर में हुए हिंसक प्रदर्शनों में भी PFI यानी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया शामिल था. उत्तर प्रदेश के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बताया, "कुछ संदिग्ध लोगों के दिल्ली से हाथरस आने की जानकारी मिली थी. इस इनपुट पर इंटेलीजेंस एजेंसियों और हाथरस से लगे सभी इलाकों में अलर्ट कर दिया गया था. सोमवार रात करीब 11 बजे मथुरा में टोल प्लाजा पर वाहनों की चेकिंग की जा रही थी. इस दौरान एक स्विफ्ट डिजायर कार (DL 01 ZC 1203) को रोका गया. कार में 4 लोग सवार थे. पूछताछ के दौरान इनकी हरकतें संदिग्ध लगीं. इन्हें हिरासत में लेकर तलाशी ली गई तो पता चला कि ये PFI और CFI से जुड़े हैं."
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यूपी पुलिस ने बीते रविवार को इंटेलिजेंस रिपोर्ट के आधार पर चौंकाने वाला खुलासा करते हुए बताया था कि हाथरस पीड़िता की मौत के बाद राज्य में जातीय दंगे भड़काने की साजिश रची गई और रातों-रात ''जस्टिस फॉर हाथरस'' नाम से एक वेबसाइट बनाई गई. इस वेबसाइट के जरिए लोगों को भड़काने का प्रयास किया जा रहा था. मुख्यमंत्री योगी के गलत बयान दिखाए गए, ताकि माहौल बिगड़ जाए. इस मामले में यूपी पुलिस ने अलग-अलग थानों में करीब 20 से ज्यादा एफआईआर दर्ज की है. अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) इस वेबसाइट को मिली विदेशी फंडिंग की जांच कर सकता है. शुरुआती जांच में पता चला है कि देश में हिंसक प्रदर्शन के लिए 'जस्टिस फॉर हाथरस' वेबसाइट को इस्लामिक देशों से फंडिंग मिल रही थी.
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