UP News: लोकसभा चुनाव में धमाकेदार एंट्री के बाद अब गांधी परिवार ने सभी लोगों को यह बता दिया कि वह कुछ समय के लिए मैदान से दूर थे लेकिन अब उन्होंने वापसी कर ली है. अमेठी और रायबरेली में जीत के बाद गांधी परिवार करेगा यह काम.
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UP News: इस बार के लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ज्यादा गांधी परिवार के बारे में बात कर रहे है. चुनाव में अपना जलवा दिखाने के बाद राहुल गांधी ने यह साबित कर दिया कि लोग आज भी गांधी परिवार को नहीं भूले है. पहले दादा फिरोज गांधी, फिर दादी इंदिरा गांधी उसके बाद मां सोनिया गांधी और अब इस गांधी परिवार की चौथी पीढ़ी के राहुल गांधी ने रायबरेली व अमेठी में अपनी ऐतिहासिक जीत हासिल की है. इस जीत के बाद से रायबरेली व अमेठी से गांधी परिवार का रिश्ता और मजबूत हो गया है. इसलिए 11 जून को पूरा गांधी परिवार रायबरेली जा रहा है. रायबरेली और अमेठी सीमा पर होने वाले एक कार्यक्रम के माध्यम से वह दोनों क्षेत्रों की जनता को धन्यवाद करेंगे.
रायबरेली और अमेठी
देखा जाए तो 1952 से लेकर 2024 तक रायबरेली और अमेठी मे गांधी परिवार के सदस्य ही चुनाव जीतते आए है. लेकिन साल 2019 में राहुल गांधी को अमेठी में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने हार का सुवाद चखाया था. इस हार के बाद परिवार का दोनों जिलों में आना-जाना कम हो गया. लोगों का मानना था की दोनों मां-बेटे का संसदीय क्षेत्रों में न आने की वजह राहुल गांधी की हार है. इस कारण से ही इस बार के लोकसभा चुनाव में नामांकन में अंतिम दौर तक यह तय नहीं किया जा पा रहा था कि इन जिलों से गांधी परिवार का कोई सदस्य लड़ेगा या नहीं. ऐन वक्त पर राहुल गांधी को रायबरेली और सोनिया गांधी के प्रतिनिधि केएल शर्मा को अमेठी से उतारा गया.
कांग्रेस की ऐतिहासिक जीत
दोनों सीटों पर कांग्रेस की ऐतिहासिक जीत के बाद लोगों को पता चल गया है कि गांधी परिवार कुछ समय के लिए मुकाबले में नहीं था पर उसने इस चुनाव में एक तगड़ा कम बैक किया है. लोगों का प्यार देख कर ही गांधी परिवार जनता के साथ-साथ कांग्रेस के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त करने के लिए 11 जून को रायबरेली और अमेठी जा रही है. कार्यकर्ता सम्मेलन के जरिए कांग्रेस यह संदेश देना चाहती है कि अगली बार देशभर में कांग्रेस की बयार बहेगी.
लगातार पांचवीं बार विजयी
आपको बता दें कि सोनिया गांधी 2019 में लगातार पांचवीं बार विजयी हुई थी लेकिन जीत के बाद वो अपना जीत का प्रमाणपत्र तक लेने नहीं आई. कहा जा रहा था कि बेटे की हार की टीस उनके मन में थी. इस बार दोनों जिलों से जीत मिलने की वजह से गांधी परिवार की खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा. शायद यही वजह है कि रायबरेली और अमेठी की जनता का आभार करने पूरा गांधी परिवार आ रहा है.