गैंगस्टर विकास दुबे की पत्नी की अग्रिम जमानत मंजूर, लेकिन पूरी करनी होंगी ये शर्तें
एसआईटी कि रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया था कि विकास दुबे के साथियों के परिवार वालों ने भी फर्जी सिम लेकर पूरे केस की जांच को प्रभावित करने का काम किया था. इन आरोपियों में विकास दुबे की पत्नी समेत 8 लाइसेंस धारकों और 9 फर्जी सिम कार्ड लेने वालों के खिलाफ चौबेपुर थाने में FIR दर्ज की गई थी.
प्रयागराज: चर्चित बिकरू कांड के कुख्यात अपराधी विकास दुबे की पत्नी रिचा दुबे को हाईकोर्ट से राहत मिल गई है. दरअसल, फर्जी सिम मामले में कोर्ट ने रिचा दुबे की सशर्त अग्रिम जमानत मंजूर कर दी है. कोर्ट का निर्देश है कि अगर रिचा दुबे की गिरफ्तारी होती है तो उसे 50 हजार के निजी मुचलके पर रिहा कर दिया जाए. जस्टिस सिद्धार्थ की सिंगल बेंच ने ये आदेश दिया है.
बता दें, स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ( SIT ) की रिपोर्ट में ये सामने आया था कि रिचा दुबे ने फर्जी आधार कार्ड पर सिम खरीदे थे. इसी आरोप के चलते रिचा के खिलाफ कानपुर के चौबेपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई थी. मामले में चार्जशीट दाखिल होने के बाद रिचा दुबे ने अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई थी. सरकारी वकील का कहना था कि एडवांस नोटिस के बावजूद उनको इस मामले में अभी कोई निर्देश नहीं प्राप्त हुआ है इसलिए जवाब दाखिल करने के लिए और समय दिया जाए. इसके बाद रिचा दुबे की तरफ से कहा गया कि अगर और समय दिया गया तो पुलिस याची को गिरफ्तार कर लेगी. दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद कोर्ट ने रिचा की सशर्त अग्रिम जमानत मंजूर की. अब मामले की अगली सुनवाई 27 जनवरी 2021 को है.
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ये हैं जमानत की शर्तें
कोर्ट ने शर्त रखी है कि रिचा दुबे पूछताछ के लिए बुलाए जाने पर संबंधित पुलिस अधिकारियों के समक्ष पेश होंगी. और वह देश छोड़ कर नहीं जाएंगी. साथ ही, अगर उनके पास पासपोर्ट है तो वह एसएसपी के पास जमा कराएंगी.
SIT की रिपोर्ट के बाद हुई थी FIR
एसआईटी कि रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया था कि विकास दुबे के साथियों के परिवार वालों ने भी फर्जी सिम लेकर पूरे केस की जांच को प्रभावित करने का काम किया था. इन आरोपियों में विकास दुबे की पत्नी समेत 8 लाइसेंस धारकों और 9 फर्जी सिम कार्ड लेने वालों के खिलाफ चौबेपुर थाने में FIR दर्ज की गई थी.
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इन लोगों पर फर्जी सिम रखने का आरोप
फर्जी सिम प्रयोग करने के आरोप में विकास दुबे की पत्नी रिचा दुबे, साथी रामसिंह, मोनू, शिव तिवारी उर्फ आशुतोष त्रिपाठी, घटना में सहयोग करने वाली शांति देवी, अमर दुबे की पत्नी खुशी, रेखा अग्निहोत्री, साथी विष्णुपाल उर्फ जिलेदार और विकास दुबे का भाई दीपक उर्फ दीपप्रकाश शामिल हैं.
2 जुलाई की रात बिकरू गांव में क्या हुआ था?
आपको बता दें कि 2 जुलाई की रात विकास दुबे को गिरफ्तार करने बिकरू गांव गई पुलिस टीम पर अंधाधुंध फायरिंग की गई थी. पुलिस वालों पर यह फायरिंग गैंगस्टर विकास दुबे और उसके गुर्गों ने की थी. इस घटना में तत्कालीन बिल्हौर सीओ देवेंद्र मिश्रा समते 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे, जबकि 6 अन्य चोटिल हो गए थे. घटना के बाद विकास दुबे एक हफ्ते तक फरार रहा. उसे उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया गया था. वहां से वापस कानपुर लाए जाने के दौरान रास्ते में विकास दुबे और पुलिस के बीच मुठभेड़ हुई. गैंगस्टर इस मुठभेड़ में पुलिस की गोली से ढेर हो गया था.
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