योगी कैबिनेट से पिछले हफ्ते 'उत्तर प्रदेश चिकित्सा एवं स्वास्थ्य नियमावली-2020' के प्रख्यापन के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई थी. जिसमें नई नियमावली में संवर्ग में कुल पदों की संख्या 19,011 पद है. इसमें 10,580 पद एमबीबीएस के और 8,431-विशेषज्ञों के हैं.
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के डॉक्टर्स के लिए खुशखबरी है. उनकी सरकारी अस्पतालों में भर्ती का रास्ता साफ हो गया है. पिछले सप्ताह मिली कैबिनेट की मंजूरी के बाद शासन ने 'संशोधित उत्तर प्रदेश चिकित्सा एवं स्वास्थ्य नियमावली-2020' जारी कर विशेषज्ञ चिकित्सकों की सीधी भर्ती हो सकेगी. शनिवार को जारी आदेश के बाद अब उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के जरिए विशेषज्ञ चिकित्सकों की सीधी भर्ती हो सकेगी. साथ सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी भी पूरी हो जाएगी.
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योगी कैबिनेट से पिछले हफ्ते 'उत्तर प्रदेश चिकित्सा एवं स्वास्थ्य नियमावली-2020' के प्रख्यापन के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई थी. जिसमें नई नियमावली में संवर्ग में कुल पदों की संख्या 19,011 पद है. इसमें 10,580 पद एमबीबीएस के और 8,431-विशेषज्ञों के हैं. इसे यथावत् बनाए रखा गया है. चिकित्सा अधिकारी, ग्रेड दो (स्तर-2) के विशेषज्ञतावार सीधी भर्ती के लिए उपलब्ध पद व संवर्ग में उपलब्ध विशेषज्ञ पदों की कुल संख्या का विशेषज्ञतावार विभाजन (स्तर-2 से स्तर-7 तक) किया गया है. इससे उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग से सीधी भर्ती के माध्यम से विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति होगी.
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65 फीसदी पदों पर होगी नियुक्ति
इस संबंध में शनिवार को जारी आदेश के अनुसार चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में वर्तमान में चिकित्सकों के कुल 19,011 पद हैं. विशेषज्ञ चिकित्सकों के 8,431 पद और एमबीबीएस चिकित्सकों के 10,580 पद सृजित हैं. विशेषज्ञ चिकित्सकों के वर्तमान में स्वीकृत 8,431 पदों के स्थान पर केवल 2,922 पद भरे हुए हैं यानी 65 प्रतिशत पद (5,509 पद) रिक्त हैं.
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पहले नहीं था सीधी भर्ती का प्रावधान
पहले उत्तर प्रदेश चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा नियमावाली में केवल एमबीबीएस चिकित्सकों की ही सीधी भर्ती का प्राविधान था जबकि विशेषज्ञ चिकित्सकों के सृजित 8,431 स्वीकृत पदों के बावजूद उनकी भर्ती के संबंध में अलग से कोई व्यवस्था नहीं की गई थी. संशोधित नियमावली के लागू होने के बाद अब विशेषज्ञ चिकित्सकों की सीधी भर्ती का रास्ता साफ हो गया.
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