गाजियाबाद:  गाजियाबाद के मुरादनगर में श्मशान घाट में लेंटर गिरने का मामला राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग पहुंच गया है. मानवाधिकार कार्यकर्ता और अधिवक्ता विष्णु कुमार गुप्ता ने आयोग में याचिका दायर की है.  इसमें उन्होंने मामले की जांच जल्द पूरी करने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. इसके अलावा भवन का निर्माण करने वाले कॉन्ट्रैक्टर अजय त्यागी पर 25000 का नाम भी घोषित कर दिया गया है.


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10 लाख की आर्थिक सहायता देने की मांग
अधिवक्ता विष्णु कुमार गुप्ता की ओर से दाखिल याचिका में ये भी कहा गया कि यह हादसा लापरवाही से हुआ है. इसलिए प्रदेश के मुख्य सचिव को आदेश दिया जाए कि मृतकों के परिवार को कम से कम 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता मिले. साथ ही इस हादसे में घायल हुए व्यक्तियों को भी तत्काल बेहतर चिकित्सा सुविधा दी जाए,ताकि वे जल्द ठीक हो सकें.


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चार लोगों के खिलाफ दर्ज हो चुकी है FIR
मामले को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार कड़ा रुख अपनाए हुए है. हादसे के बाद नगर पालिका मुरादनगर की अधिशासी अधिकारी (EO) निहारिका सिंह, जूनियर इंजीनियर चंद्रपाल सिंह, सुपरवाइजर आशीष और ठेकेदार अजय त्यागी के खिलाफ IPC की धारा 304, 337, 338, 437, 409 में एफआईआर (FIR) दर्ज कर ली गई है. अब अजय त्यागी के ऊपर ईनाम भी घोषित कर दिया गया है.


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हादसे में 24 लोगों की हुई मौत
आपको बता दें कि मुरादनगर के उखलारसी में श्मशान स्थल पर बिल्डिंग की छत गिरने से रविवार को 24 लोगों की मौत हो गई थी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये आर्थिक सहायता के तौर पर देने की घोषणा की थी. इस हादसे की जांच मेरठ की मंडलायुक्त अनीता सी मेश्राम और एडीजी जोन मेरठ राजीव सब्बरवाल को दी गई है.


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