मनरेगा सामग्री खरीद के नाम पर इतनी बड़ी धनराशि देखकर सीडीओ ने भुगतान से पहले बिल बाउचर की जांच के निर्देश दिए. तब इस गड़बड़ी में शामिल APO, BDO व अन्य कर्मियों के घालमेल का पता चला. आनन-फानन में पूरे बिल बाउचर कंप्यूटर से डिलीट कर दिए गए.
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अंबिकेश्वर प्रताप पांडेय/गोंडा: भ्रष्ट अफसर और कर्मचारियों की मिलीभगत का खुलासा हुआ है. यहां कुछ अधिकारियों ने मनरेगा स्कीम में लाखों नहीं करोड़ों का घोटाला करने की फिराक में थे. लेकिन बड़े अधिकारी की नजर इस पर पड़ गई. मामला जिले के नवाबगंज ब्लॉक का है, यहां मनरेगा का काम देखने वाले APO ने सामग्री खरीद के नाम पर 2.52 करोड़ रुपये के भुगतान के लिए फर्जी बिल बाउचर कंप्यूटर में फीड कर दिया. भुगतान के लिए फाइल भी सीडीओ के टेबल तक पहुंच गई.
मनरेगा सामग्री खरीद के नाम पर इतनी बड़ी धनराशि देखकर सीडीओ ने भुगतान से पहले बिल बाउचर की जांच के निर्देश दिए. तब इस गड़बड़ी में शामिल APO, BDO व अन्य कर्मियों के घालमेल का पता चला. आनन-फानन में पूरे बिल बाउचर कंप्यूटर से डिलीट कर दिए गए. भुगतान की इस पूरी साजिश में ब्लॉक के अलावा मुख्यालय पर मनरेगा कार्यालय में कार्यरत एक लिपिक की भूमिका भी बताई जा रही है.
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इस मामले में सीडीओ शशांक त्रिपाठी ने कार्रवाई करते हुए नवाबगंज के APO को तत्काल हटा दिया. ब्लॉक के BDO समेत 4 कर्मचारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. इसकी रिपोर्ट भी शासन को भेज दी है. सीडीओ के मुताबिक पूरे मामले की जांच कराई जा रही है. रिपोर्ट मिलने पर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.