गोरखपुर: यूपी की गोरखपुर यूनिवर्सिटी में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुई नाथ संप्रदाय के संगोष्ठी के बाद अब विश्वविद्यालय की ओर से रूस, स्पेन, नेपाल और अमेरिका में भी गोरखनाथ शोध केंद्र स्थापित करने की कवायद चल रही है. 


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कई विद्वानों ने समझाया नाथ संप्रदाय का इतिहास
गोरखपुर में बीते दिनों नाथ संप्रदाय पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गई थी, जो तीन दिन तक चली. इसका उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था. इस संगोष्ठी में देश और विदेश के विद्वान शामिल हुए थे. इसमें कुछ लोग ऑनलाइन माध्यम से भी जुड़े. इस तीन दिवसीय संगोष्ठी में लोगों को नाथ संप्रदाय के इतिहास के बारे में जानकारी मिली और रिसर्च कर इसके विस्तार के बारे में भी चर्चा की गई.


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यह था सेमिनार का उद्देश्य
बता दें, साल 2018 में गोरखपुर विश्वविद्यालय में गोपीनाथ शोध पीठ की स्थापना हुई थी. इसके लिए भवन निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है. गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजेश सिंह ने जानकारी दी है कि गोरखपुर विवि में शोध केंद्र बनने के बाद अब रूस, अमेरिका, नेपाल, स्पेन में भी गोरखनाथ शोध केंद्र खोलने की बात रखी गई है. इसका मूल उद्देश्य है कि ज्यादा से ज्यादा लोग नाथ पंथ के बारे में जान सकें. इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से शोधकर्ताओं को फेलोशिप भी दिया जा रहा है.


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सेमिनार में लिया गया यह फैसला
गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजेश सिंह ने बताया कि 20 मार्च से शुरू होकर 3 दिन तक चलने वाली इस संगोष्ठी के लिए फ्रशासन लगभग 5 महीने से तैयाकरी कर रहा था. अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार में ही विचार आया कि अब सेंटर खोलने चाहिए. हालांकि, अंतरराष्ट्रीय सेंटर खोलना इतना आसान भी नहीं है.  इसके लिए सरकार और यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन पूरी कोशिश कर रहा है. 


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