लखनऊ के सेक्टर 14 वृंदावन में किराये पर रहने वाले आरोपी मनीष और पलक से दुर्गेश यादव का पैसे को लेकर विवाद चल रहा था. जिसे लेकर पलक और मनीष पहले दुर्गेश यादव के घर गए और फिर वहां से निकलते हुए उसे गोली मार दी.
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लखनऊ: दुर्गेश यादव हत्याकांड में लखनऊ पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. घटना से कुछ ही घंटों बाद हुई गिरफ्तारी में पुलिस ने मनीष यादव और उसकी साथी पलक ठाकुर को धर दबोचा है. इनके पास से एक पिस्टल और कारतूस भी बरामद हुए हैं. हत्या पैसे के लेन-देन को लेकर विवाद में की गई. घटना से जुड़ा एक वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें दोनों आरोपी दुर्गेश यादव को हत्या से पहले जमकर पीटते दिखाई दे रहे हैं.
हत्यारों में शामिल है 'लेडी डॉन'
लखनऊ के सेक्टर 14 वृंदावन में किराये पर रहने वाले आरोपी मनीष और पलक से दुर्गेश यादव का पैसे को लेकर विवाद चल रहा था. जिसे लेकर पलक और मनीष पहले दुर्गेश यादव के घर गए और फिर वहां से निकलते हुए उसे गोली मार दी. खून ज्यादा बहने की वजह से ट्रॉमा सेंटर पहुंचने के रास्ते में ही दुर्गेश की मौत हो गई. दुर्गेश खुद भी गोरखपुर का हिस्ट्रीशीटर था और प्रापर्टी डीलिंग के नाम पर जालसाजी का धंधा चलाता था.
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हत्या से पहले 'थर्ड डिग्री'
पहली मंजिल पर स्थित कमरे में दोनों पक्षों के बीच मारपीट हुई. इससे जुड़ा हुआ एक वीडियो भी वायरल हुआ है. जिसमें आरोपी दुर्गेश से मारपीट करते हुए दिख रहे हैं. अंदेशा जताया जा रहा है इसी मारपीट के बीच दुर्गेश यादव और हमलावर लड़ते हुए गेट पर पहुंचे. जहां मनीष यादव और पलक ठाकुर ने दुर्गेश यादव की गोली मारकर हत्या कर दी. बाद में आरोपी मौके से फरार हो गए.
ठगी और जालसाजी का धंधा चलाता था दुर्गेश
पुलिस का दावा है कि दुर्गेश यादव अपने भाई मानवेंद्र के साथ मिलकर सचिवालय में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी का धंधा कर रहा था. पुलिस उसके कमरे से सरकारी विभागों की मोहरें, कई अभ्यर्थियों के भरे फार्म, दस्तावेज और सचिवालय में नौकरी के फार्म बरामद हुए हैं. दुर्गेश यादव पर हत्या के अलावा डकैती, लूट और धोखाधड़ी के आरोप में कई मुकदमे दर्ज हैं.
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