Janmashtami 2024: यूपी के इस थाने में नहीं मनाई जाती जन्माष्टमी, 30 साल पुरानी खौफनाक घटना ने खत्म कर दिया त्योहार!
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand2401143

Janmashtami 2024: यूपी के इस थाने में नहीं मनाई जाती जन्माष्टमी, 30 साल पुरानी खौफनाक घटना ने खत्म कर दिया त्योहार!

Janmashtami 2024: भगवान श्रीकृष्ण का जन्म बंदी गृह में होने के कारण प्रदेश के थानों में कृष्ण जन्माष्टमी बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाती है  लेकिन एक ऐसी भी जगह है, जहां पुलिस जन्माष्टमी के त्योहार को नहीं मनाती है.

 

Janmashtami 2024

प्रमोद कुमार/कुशीनगर: जन्माष्टमी को लेकर हर तरफ उल्लास दिखाई दे रहा है. मंदिरों को सजाने का काम चल रहा है. भक्तों ने भी घरों में कान्हा के आगमन की तैयारी कर ली है. भगवान श्रीकृष्ण का जन्म बंदी गृह में होने के कारण पूरे प्रदेश के थानों में कृष्ण जन्माष्टमी बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाती है  लेकिन कुशीनगर जिले की पुलिस जन्माष्टमी के त्योहार को नहीं मनाती है.

जन्माष्टमी न मनाने की क्या वजह 
30 साल पहले 1994 में जन्माष्टमी की काली रात को कुबेरस्थान थाने के पचरुखिया घाट पर जंगल पार्टी के डकैतों से मुठभेड़ के दौरान एक मल्लाह और 2 सबइंस्पेक्टर सहित 7 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे. तभी से जन्माष्टमी के त्योहार को कुशीनगर पुलिस नहीं मनाती है. इस घटना में एक साथ 1 मल्लाह सहित 6 पुलिसकर्मियों के शहीद होने का दर्द आज भी जनपद पुलिस के चेहरे पर चस्पा है. इस घटना में एक साथ निकलते 7 शव के दृश्य को स्थानीय ग्रामीण सहित पुलिसकर्मी भूल नहीं पाए हैं.

जश्न में पड़ा भंग
देवरिया से अलग होकर कुशीनगर जिला बनने के बाद सरकारी महकमे में जश्न का माहौल था. 1994 में पुलिस महकमा पहली जन्माष्टमी पडरौना कोतवाली में बड़े धूमधाम से मनाने में लगा था. जहां पुलिस के बड़े अधिकारियों सहित सभी थानों के थानाध्यक्ष और पुलिसकर्मी मौजूद थे. लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था. एक ही घटना ने जश्न पर पानी तो फेर ही दिया साथ ही कुशीनगर पुलिस के लिए श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के त्योहार को हमेशा के लिए ख़त्म कर दिया.

डाकुओं ने किया हमला
जन्माष्टमी के जश्न के दौरान पुलिस को सूचना मिली कि कुबेरस्थान थाने के पचरुखिया घाट पर जंगल पार्टी के आधा दर्जन डकैत किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए ठहर कर योजना बना रहे हैं. पुलिस ने इनका सफाया करने के लिए प्लान तैयार किया. उस समय नदी को पार करने के लिए कोई पुल नहीं था नाव ही एक मात्र साधन था. पुलिस ने एक नाव की सहायता से बासी नदी को पार कर डकैतों के छिपने की जगह पर पहुंचे तो डकैत वहां से फरार हो कर नदी के किनारे छिप गए. तलाशी के बाद पुलिस टीम फिर से नाव के सहारे नदी पार कर ही रही थी. इसी दौरान डकैतों ने पुलिस पर अंधाधुंध फायर झोंक दिया.

पुलिस ने की जवाबी फायरिंग
पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग करना शुरू कर दिया. इसी बीच नाव चला रहे मल्लाह को गोली लग गई और नाव अनियंत्रित होकर नदी में पलट गई. नाव पर सवार सभी 11 लोग नदी में डूबने लगे. 3 पुलिसकर्मी तैर कर बाहर आ गए लेकिन 2 इंस्पेक्टर सहित 7 पुलिसकर्मी और नाविक शहीद हो गए. इस घटना के बाद कुशीनगर पुलिस के लिय जन्माष्टमी का त्योहार अभिशप्त हो गया. इस दर्दनाक घटना की कसक आज भी पुलिसकर्मियों के जेहन में जीवंत है. इसी घटना के बाद कुशीनगर जिला के किसी भी थाने या पुलिस लाइन में जन्माष्टमी का त्योहार नहीं मनाया जाता है.

यह भी देखें - Janmashtami 2024: गोविंदा आला रे... दही हांडी फोड़ने के लिए तैयार माखनचोर की टोली... ऐसे करें तैयारी

यह भी पढ़ें -  Krishna Janmashtami: काशी से मथुरा तक कृष्ण जन्मोत्सव की धूम, माखन चोर को 250 व्यंजनों का भोग

 

Trending news