सरकारी क्रय केंद्रों पर धान खरीदी ना होने की वजह जिला प्रशासन धान में भारी नमी बता रहा है.
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शिव कुमार/शाहजहांपुर: धान किसानों को उम्मीद थी कि सरकारी सेंटर पर धान बेचकर वो अच्छी दिवाली मनाएंगे. लेकिन, इस बार किसान को सिर्फ मायूसी ही हाथ लगी है. दरअसल, धान में नमी का हवाला देते हुए सभी सरकारी सेंटर किसान का धान खरीदने से इंकार कर रहे हैं. इसके चलते किसानों को अपना धान आढ़तियों के हाथों औने-पौने दामों में बेचना पड़ रहा है. बता दें कि पूरे प्रदेश में 1 अक्टूबर से धान की खरीद शुरू करने का आदेश जारी किया गया था. शाहजहांपुर में धान खरीद के लिए अलग-अलग खरीद एजेंसियों के 117 खरीद सेंटर लगाए गए हैं.
वहीं, 18 दिन बीत जाने के बाद भी सरकारी क्रय केंद्रों पर खरीद के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हो रही है. आलम यह है कि किसानों को अपना धान रोज़ा मंडी में आढ़तियों को कम दामों पर बेचने के लिए विवश होना पड़ रहा है. धान का समर्थन मूल्य 835 रुपये निर्धारित है. लेकिन, किसान अपना धान आढ़तियों को 13 सौ या 14 सौ रुपये में बेच रहे हैं. आपको बता दें कि शाहजहांपुर में इस बार धान खरीद का लक्ष्य 3 लाख 61 हज़ार मीट्रिक टन रखा गया है. जिसके सापेक्ष अब तक नाम मात्र की खरीद हो पाई है. किसान का कहना है कि सरकार दावे तो ठोस करती है, लेकिन जिले स्तर पर सरकार के दावे हवा हवाई साबित हो रहे हैं.
सरकारी क्रय केंद्रों पर धान खरीदी ना होने की वजह जिला प्रशासन धान में भारी नमी बता रहा है. जिला प्रशासन का कहना है कि नियमानुसार 17% नमी तक का धान ही सरकारी केंद्रों पर खरीदा जा सकता है. लेकिन, इन दिनों मौसम में नमी ज्यादा है. जिसके चलते धान में 24% तक की नमी दर्ज की जा रही है. जिला प्रशासन अब इस बात का दावा कर रहा है कि अगले कुछ दिनों के बाद सरकारी क्रय केंद्रों पर धान खरीद में तेजी आएगी. वहीं, लोगों का कहना है कि धान खरीद में आढ़तियों और खरीद एजेंसियों के बीच गठजोड़ हो जाता है. जिसका सीधा नुकसान किसान को उठाना पड़ता है. यही वजह है कि इस बार किसान की दीपावली का त्योहार फीका नजर आ रहा है.