राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की मंजूरी के बाद अध्यादेश अधिसूचित कर दिया गया है. अब योगी सरकार सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में क्लेम ट्रिब्यूनल बनाएगी. क्लेम ट्रिब्यूनल के फैसले को किसी भी कोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सकेगी.
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजाधानी लखनऊ में कथित सीएए दंगाइयों के पोस्टर हटाए जाने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के बाद योगी सरकार ऑर्डिनेंस के जरिए 'रिकवरी ऑफ डैमेज टू पब्लिक एंड प्राइवेट प्रॉपर्टी एक्ट-2020' लेकर आई. इस ऑर्डिनेंस को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की मंजूरी मिल गई है और अब यह ऑर्डिनेंस अगले 6 महीनों के लिए कानून बन चुका है. योगी सरकार को इसे स्थाई रूप से लागू रखने के लिए अब विधानसभा और विधानपरिषद से 'रिकवरी ऑफ डैमेज टू पब्लिक एंड प्राइवेट प्रॉपर्टी बिल-2020' पास कराना होगा.
योगी सरकार के ऑर्डिनेंस को गवर्नर की मंजूरी
योगी सरकार को यह कानून इसलिए लाना पड़ा है क्योंकि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पूछा था कि लखनऊ में कथित सीएए दंगाईयों के पोस्टर किस नियम के तहत लगाए गए? हाई कोर्ट ने लखनऊ के चौराहों से पोस्ट हटाने का आदेश दिया था. इस फैसले को योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. सुप्रीम कोर्ट ने भी योगी सरकार से पूछा कि किस नियम के तहत लखनऊ में कथित सीएए दंगाईयों के पोस्टर लगाए गए? हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने मामले को सुनवाई के लिए बड़ी बेंच में भेजने का फैसला किया.
योगी सरकार ने उपद्रवियों के लिए बनाया कानून
इसके बाद योगी सरकार ने कानूनी रूप से अपना पक्ष मजबूत रखने के लिए ऑर्डिनेंस का सहारा लिया और 'रिकवरी ऑफ डैमेज टू पब्लिक एंड प्राइवेट प्रॉपर्टी एक्ट-2020' लेकर आई. इसे राज्यपाल की मंजूरी भी मिल गई है. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की मंजूरी के बाद अध्यादेश अधिसूचित कर दिया गया है. अब योगी सरकार सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में क्लेम ट्रिब्यूनल बनाएगी. क्लेम ट्रिब्यूनल के फैसले को किसी भी कोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सकेगी.
क्लेम ट्रिब्यूनल के आदेश पर सपंत्ति होगी जब्त
क्लेम ट्रिब्यूनल के वसूली का नोटिस जारी होते ही कथित दंगाईयों की संपत्तियां कुर्क हो जाएंगी. क्लेम ट्रिब्यूनल के पास दीवानी अदालत की तरह अधिकार होंगे. इसमें ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष सेवानिवृत्त जज होंगे. इसके अलावा सहायक आयुक्त स्तर का एक और सदस्य होगा. नुकसान के आकलन के लिए दावा आयुक्त की तैनाती की जा सकती है. दावा आयुक्त की मदद के लिए एक-एक सर्वेयर की तैनाती भी का जा सकती है.
लखनऊ में 57 उपद्रवियों के पोस्टर लगाए गए हैं
आपको बता दें कि लखनऊ में बीते साल 19 और 20 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हुई हिंसा और आगजनी में 57 उपद्रवियों की पहचान की गई है. इन्हें प्रशासन की ओर से 1.55 करोड़ रुपये की वसूली का नोटिस दिया गया है. साथ ही इनके पोस्टर भी लखनऊ के प्रमुख चौराहों पर लगाए गए हैं.
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