Haridwar Kumbh 2021: महाशिवरात्रि को कुंभ का पहला शाही स्नान, सबसे पहले ये अखाड़ा करेगा स्नान
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand862928

Haridwar Kumbh 2021: महाशिवरात्रि को कुंभ का पहला शाही स्नान, सबसे पहले ये अखाड़ा करेगा स्नान

11 मार्च यानी महाशिवरात्रि को अखाड़ों का पहला शाही स्नान है. पहली बार श्रद्धालुओं को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन (Online Ragistration) कराना होगा. मेले में प्रवेश से पहले एंटीजन टेस्ट पर विचार किया जा रहा है. ऐसे में गंगा में डुबकी से पहले कोविड-19 निगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी. 

Haridwar Kumbh 2021: महाशिवरात्रि को कुंभ का पहला शाही स्नान, सबसे पहले ये अखाड़ा करेगा स्नान

नई दिल्लीः 11 मार्च यानी महाशिवरात्रि (Mahashivratri) को अखाड़ों का पहला शाही स्नान (Shahi Snan) है. पहले शाही स्नान के लिए कोविड (Covid) से बचाव की कुंभ मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) लागू हो गई है. बुधवार से एसओपी प्रभावी हो गई और शुक्रवार तक लागू रहेगी. संन्यासी अखाड़ों की पेशवाई 9 मार्च को समाप्त हो गई. 2021 का कुंभ मेला 11 साल के अंतराल के बाद हरिद्वार (Haridwar) में आयोजित होने जा रहा है. ये आखिरी बार साल 2010 में आयोजित किया गया था. 

धीरे-धीरे चढ़ रही है रंगत, इस बार 48 दिन का होगा कुंभ मेला, चुनिंदा संत होंगे शामिल

एसओपी लागू होने की अवधि से पहले हरिद्वार आकर होटलों, धर्मशाला और आश्रमों में ठहरने वालों लोगों की भी कोविड जांच की जाएगी. बॉर्डर और मेला क्षेत्र में 40 टीमें कोविड की रैंडम जांच होगी. इसके अंतर्गत हरिद्वार आने वाले हर व्यक्ति को कुंभ मेला पोर्टल पर पंजीकरण और 72 घंटे पहले की कोविड निगेटिव रिपोर्ट लानी होगी. 

ये अखाड़े करेंगे सबसे पहले स्नान
कुंभ मेले (Kumbh Mela) में शाही स्नान अखाड़ों के साधु संतों के लिए काफी खास होता है. अखाड़े अपनी व्यवस्था के अनुसार खास क्रम में शाही स्नान करते हैं. अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने बताया कि सबसे पहले जूना, अग्नि और आवाहन अखाड़े स्नान करेंगे. उसके बाद निरंजनी और आनंद अखाड़ा गंगा में डुबकी लगाएंगे. अंत में महानिर्वाणी अखाड़ा और अटल अखाड़ा शाही स्नान करेंगे. हर अखाड़े को स्नान के लिए आधे घंटे का समय दिया गया है.

श्रद्धालुओं का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन
पहली बार श्रद्धालुओं को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन (Online Ragistration) कराना होगा. मेले में प्रवेश से पहले एंटीजन टेस्ट पर विचार किया जा रहा है. ऐसे में गंगा में डुबकी से पहले कोविड-19 निगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी. इस बार कुंभ मेला 48 दिनों का होगा.

क्या है रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया?
रजिस्ट्रेशन करने के लिए सबसे पहले कुंभ मेले के पोर्टल https://dsclservices.org.in/kumbh पर जाना होगा. उसके बाद वेबसाइट में मांगी गई सभी जानकारियां दर्ज करनी होंगी. कोविड रिपोर्ट, हेल्थ चेकअप सर्टिफिकेट और आईडी प्रूफ अपलोड करने के बाद मोबाइल पर ई-पास प्राप्त होगा. इस ई-पास को दिखाकर ही हरिद्वार में एंट्री मिलेगी. जिसके पास यह ई-पास (E-Pass) नहीं होगा उसे हरिद्वार के बॉर्डर से वापस लौटाया जायगा.

यहां करें Registration
श्रद्धालु नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर पंजीकरण करा सकते हैं।
www.haridwarkumbhmela2021.com 
www.haridwarkumbhpolice2021.com

12 साल बाद कुंभ और 6 साल बाद अर्द्धकुंभ
दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक मेले महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाने के लिए करोड़ों लोग तैयार है. हालांकि इस बार का कुंभ, कोरोना महामारी के कारण अलग होगा.हरिद्वार में हर 12 साल बाद कुंभ और छह साल बाद अर्द्धकुंभ लगता है. पहली बार शाही स्नान में चुनिंदा संत शामिल होंगे.

अब कुंभ के मेले में अपनों से नहीं बिछड़ेगा कोई बच्चा, ये है पुलिस का मास्टरप्लान

कुंभ में स्नान करने के लिए उमड़ता है जनसैलाब
कुंभ पर्व पर जीवनदायिनी मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाकर आचमन करने का साधु-संत और श्रद्धालुओं को बेसब्री से इंतजार रहता है. पौराणिक मान्यता है कि कुंभ में गंगा स्नान करने से व्यक्ति के पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष मिलता है. यही कारण है कि कुंभ मेले में संगम तट पर डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता है.

कोविड-19 के दौर में पहला बड़ा धार्मिक आयोजन
12 साल में होने वाला हरिद्वार महाकुंभ (haridwar mahakumbh 2021) इस बार 11वें साल यानी साल 2021 में होने जा रहा है. मेष राशि में सूर्य और कुंभ राशि में बृहस्पति आने पर महाकुंभ होता है. साल 2022 में बृहस्पति कुंभ राशि में नहीं रहेंगे. इसलिए इस बार आयोजन (mahakumbh 2021) एक साल पहले हो रहा है.कोविड-19 महामारी के दौर में ये पहला बड़ा धार्मिक समागम होगा.

सामान्य घाटों के साथ प्राकृतिक घाट होंगे इस्तेमाल
श्रद्धालुओं को सोशल डिस्टेंसिंग से स्नान कराने के लिए पहली बार सामान्य घाटों के साथ कृत्रिम घाट इस्तेमाल होंगे. प्लास्टिक से तैयार इन घाटों पर डीप वाटर बैरिकेडिंग की जा रही है. अब तक बाहरी श्रद्धालु 50 से अधिक घाटों पर स्नान करते आए हैं. इस बार गंगा नहर के घाटों पर भी स्नान कराया जायेगा. पहली बार शाही स्नान में चुनिंदा संत शामिल होंगे.

रूट प्लान जारी
11 मार्च को होने वाले पहले शाही को लेकर लाखों श्रद्धालुओं के हरिद्वार पहुंचने की उम्मीद को देखते हुए यातायात व्यवस्था बनाए रखने और भीड़ को नियंत्रित के लिए रूट प्लान जारी किया गया है। ट्रैफिक प्लान के मुताबिक शहर में किसी भी तरह के वाहनों को नहीं आने दिया जाएगा। रोडवेज की बसों को भी शहर से बाहर निर्धारित पार्किंग में खड़ा कराया जाएगा। बड़े और छोटे दोनों तरह के वाहनों के लिए प्लान जारी किया गया है.

13 अखाड़ा समेत 16 मठों को इनकम टैक्स का नोटिस, 2019 के कुंभ में दिए गए पैसे का मांगा हिसाब

WATCH LIVE TV

Trending news