Hathras Case Inside Story: हाथरस एटा बॉर्डर पर 2 जुलाई को भोले बाबा का सत्संग समारोह हो रहा था. लेकिन तीन घंटे के कार्यक्रम के बाद भगदड़ में 3 मिनट में मौत का ऐसा तांडव मचा कि लाशें बिछते देर न लगी. लखनऊ से दिल्ली तक शासन प्रशासन इस हादसे से हिल गया. आइए जानते हैं हाथरस हादसे की पूरी कहानी.
- हाथरस और एटा जिले के बॉर्डर पर हाईवे किनारे फुलरई मुगलगढ़ी में नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा का सत्संग समारोह हो रहा था. ये सिकंदरामऊ कस्बे में आता है. एटा, हाथरस और अलीगढ़ समेत तमाम जिलों में उनके आयोजन होते रहते हैं.
- धार्मिक कार्यक्रम में 50 हजार से एक लाख लोगों के जुटने का दावा है. भगदड़ में पहले 27 लोगों के मरने की खबर थी, जो 50-60 और रात होते-होते 107 तक पहुंच गई है. रात में ही शिनाख्त के साथ पोस्टमार्टम कराया जा रहा है.
- सत्संग नारायण साकार हरि भोले बाबा का ये सत्संग समारोह था, जो सुबह 10.30 बजे शुरू होकर 1.30 बजे तक चला. कार्यक्रम खत्म होने के बाद बाबा के पैर छूने और आशीर्वाद लेने को लेकर भगदड़ मच गई.
- हाईवे किनारे ये कार्यक्रम था और वहीं नाला था. बाहर निकलने का संकरा रास्ता था, कीचड़ और पानी में भगदड़ में महिलाएं और बच्चे कुचलते चले गए. बहुत सारे लोग नाले में गिर गए, क्योंकि पीछे से भीड़ का सैलाब आ रहा था.
- तमाम अनुयायियों का कहना है कि भोले बाबा के सत्संग समारोह में किसी को वीडियो बनाने या तस्वीर लेने की इजाजत नहीं दी जाती. उनके सेवादार किसी को ऐसा करते देख तुरंत मोबाइल छीन लेते हैं.
- भोले बाबा के कार्यक्रम में एक पानी बांटा जाता है. दावा है कि अमृत रूपी ये रस लोगों की समस्याएं दूर करता है. इस विशेष जल को पीने भीड़ उमड़ती है. दरअसल, इतिहास में हाथरस वो जगह कहलाती है, जहां भगवान शिव ने पृथ्वी को चीरकर पार्वती को पानी पिलाया था.
- हाथरस के डीएम का कहना है कि एसडीएम से निजी धार्मिक आयोजन की अनुमति ली गई थी. लेकिन आयोजन स्थल के अंदर की पूरी व्यवस्था सेवादारों की थी. पुलिस बाहर सुरक्षा में तैनात थी.
- हाथरस हादसे के बाद से बाबा नारायण हरि फरार और आयोजक फरार हैं. नारायण साकार अपनी पत्नी के साथ सत्संग करते हैं। इनके सत्संग को मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम कहा जाता है.
- नारायण साकार हरि या साकार विश्व हरि यानी भोले बाबा यूपी के एटा जिले में जन्मे हैं.पटियाली तहसील में गांव बहादुर के भोले बाबा खुद को खुफिया एजेंसी इंटेलीजेंस ब्यूरो का पूर्व कर्मी बताते हैं.
- दावा है कि 26 साल पहले बाबा सरकारी नौकरी छोड़ वो प्रवचन करने लगे. भोले बाबा के वेस्ट यूपी सहित उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली,राजस्थान समेत देश में लाखों अनुयायी हैं.
- हाथरस दुर्घटना का जायजा लेने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कल वहां जाएंगे. आगरा एडीजी और अलीगढ़ कमिश्नर 24 घंटे में जांच पूरी करके रिपोर्ट देंगे.
- मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख और घायलों को 50-50 हजार की मदद यूपी सरकार की ओर से मिलेगी.पीएम मोदी की ओर से भी मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख और घायलों को इतनी ही आर्थिक सहायता मिलेगी.
- धार्मिक कार्यक्रम के आयोजकों पर एफआईआर के निर्देश हैं. फिलहाल नारायण हरि फरार हैं. जिला प्रशासन ने आम लोगों की सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर 05722227041 तथा 05722227042 जारी किए हैं
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी और संदीप सिंह घटनास्थल पर पहुंचे. मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक भी घटनास्थल पर पहुंचने वाले हैं.
- हाथरस में एनडीआरएफ की एक टीम के साथ एनडीआरएफ की मेडिकल टीम भी भेजी गई है. गाजियाबाद से हाथरस के लिए एनडीआरएफ की टीम निकल चुकी हैं.
- बाबा खुद को विष्णु का अवतार मानता था. उसने कई जगहों पर हेलीकॉप्टर से खुद पर फूल बरसाने का कार्यक्रम भी रखा था. यूपी में बागपत, हाथरस, अलीगढ़, मथुरा, मेरठ जैसे जिलों में उसके अनुयायी हैं. हरियाणा, पंजाब से लेकर मध्य प्रदेश में भी उसके कार्यक्रम हुए.
- बाबा का दो मंजिला घर हैं, जो बहुत आलीशान तो नहीं है, लेकिन वहां भी भक्तों की भारी भीड़ लगती है. जहां गरुड़ जैसे दिखने वाले पक्षी पर बाबा को चक्र लिए हुए दिखाया गया है.
- बाबा ने अपनी सुरक्षा के लिए रखे थे महिला और पुरुष गार्ड.इनको नारायणी सेना नाम दिया गया था. आश्रम से लेकर प्रवचन स्थल तक ये सेना करती थी बाबा की सेवा. बबा ने अपने सेवादारों को ही रख लिया था अपनी सुरक्षा में.एक तरह का ड्रेस कोड भी पहनते थे सुरक्षा में लगे सेवादार.
- बाबा यूट्यूब के जरिये वीडियो संदेश प्रसारित कराता था और उससे बताता था कि अगला सत्संग कहां होना है. दो जुलाई को सत्संग की सूचना ऐसे ही वीडियो के जरिये भेजी गई थी. Narayan Sakar Hari नाम के यूट्यूब और इंस्टाग्राम अकाउंट पर उसके लाखों फॉलोअर हैं.
- हाथरस हादसे पर एसडीएम रिपोर्ट आई है, इसमें नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा की सुरक्षा में तैनात कमांडो को भगदड़ का जिम्मेदार बताया गया है. भोले बाबा के पैर छूने को बेताब भीड़ को धक्का देने से उनमें भगदड़ मची और वो हाईवे किनारे खंती में एक के ऊपर एक जाकर गिरे.
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