लखनऊ: रामपुर से लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी प्रत्याशी रहीं जया प्रदा ने आजम खान की सांसदी को चुनौती देने के लिए शुक्रवार को लखनऊ खंडपीठ में याचिका लगाई थी. वहीं, इस याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने खारिज कर दिया. जस्टिस राजन राय व नरेंद्र कुमार जोहरी की ग्रीष्मावकाशकालीन खंडपीठ ने जया प्रदा की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि निर्वाचन को चुनौती निर्वाचन याचिका द्वारा ही दी जा सकती है. 


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जया प्रदा की ओर से दायर की गई याचिका में रामपुर से सपा सांसद आजम खान की सांसदी को चुनौती दी गई थी. याचिका में कहा गया था कि आजम खान लाभ के दो पदों पर हैं. वहीं, इस मामले की सुनवाई के लिए जया प्रदा के साथ अमर सिंह भी कोर्ट पहुंचे थे. बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 में आजम खान ने रामपुर सीट पर बीजेपी प्रत्याशी रहीं जया प्रदा को हराया था. 


याचिका में कोर्ट से गुजारिश की गई थी कि आजम खान से पूछा जाए कि मौलाना जौहर अली विश्वविद्यालय के कुलपति होने के साथ वे किस आधार पर संसद सदस्य बने. याचिका में कहा गया है कि जब वो लाभ दूसरे पद के लिए अयोग्य हैं, तो किस कानूनी अधिकार से सांसद का पदभार संभाले हुए हैं. याचिका में कहा गया है कि यह तय नियम है कि एक ही व्यक्ति लाभ के दो पदों पर नहीं रह सकता है. इसलिए आजम खान की सांसदी को रद्द कर याची को रामपुर लोकसभा का सांसद घोषित किया जाए.