Hathras Stampede: लोग एक के ऊपर एक नाले में गिरते चले गए और करीब दो घंटे तक वहीं पर दबे रहे, हाथरस के रतिभानपुर में मंगलवार का दिन बहुत ही बुरा रहा. यहां प्रवचन करने वाले भोले बाबा के सत्संग के दौरान भगदड़ मची और इस दर्दनाक हादसे में116 लोगों ने अपनी जान गंवा दी. घटनास्थल पर चीख पुकार मच गई.
Trending Photos
Hathras Stampede: हाथरस और आसपास के जिलों के हॉस्पिटल के पोस्टमार्टम हाउस का मंजर मंगलवार शाम को जिसने भी देखा और सुना सिहर गया. मॉर्चरी में बर्फ की सिल्लियों पर सैकड़ों शव पड़े हुए थे. पीड़ितों के रोते-बिलखते परिजन शवों को घर वापस ले जाने के लिए पोस्टमार्टम हाउस के बाहर इंतजार कर रहे थे. हाथरस के सरकारी अस्पताल के अंदर कुछ ऐसा ही भयावह दृश्य देखने को मिला, जहां एक सत्संग के दौरान मची भगदड़ में 116 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई और सैकड़ों लोग घायल हो गए. पोस्टमार्टम के लिए हाथरस के आसपास के जिलों एटा, अलीगढ़ और आगरा तक शवों को पोस्टमार्टम हाऊस भेजा गया. मेडिकल कॉलेज में पोस्टमार्टम हाउस और आसपास भारी भीड़ का जमावड़ा रहा.
पोस्टमार्टम हाउस के बाहर का ये मंजर
इस घटना की प्रत्यक्षदर्शी महिला के मुताबिक भोले बाबा का सत्संग चल रहा था. सत्संग खत्म होने के बाद लोग एकसाथ बाहर की ओर निकले, तो भगदड़ मच गई. वहीं अन्य प्रत्यक्षदर्शा के मुताबिक एक महिला बेहोश हो गई थी जिसके चलते भगदड़ मच गई. लोगों के मुताबिक भगदड़ के बाद लोग नाले में एक के ऊपर एक गिरते चले गए. लोग एक-दूसरे को कुचलते चले गए. प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक कई लोग दूर-दूर से भी आए थे. भगदड़ स्थल के सबसे पास सिकंदराराऊ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र था, जहां घायलों को पहुंचाया गया. हाथरस भगदड़ के बाद एटा के पोस्टमार्टम हाउस के बाहर का ये मंजर दिल दहला देने वाला है. इतने सारे दरोगा बैठ कर लगातार लोगों का पंचायतनामा कर रहे हैं.
ऐसा था अस्पतालों का हाल
उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग हादसा होने के बाद एटा मेडिकल कॉलेज में शवों के पहुंचने पर काफी भीड़ जुट गई. पुलिस और प्रशासनिक अमला भी जमा हो गया. लोग भी अपनों को खोजते अस्पताल पहुंच रहे थे. अस्पताल में खुले में टेबलें डालकर वैकल्पिक दफ्तर बनाया गया. जहां पंचनामा भरे गए और पोस्टमार्टम के लिए दस्तावेज तैयार कराए गए. भारी भीड़ को देखते हुए पुलिस अधिकारियों को लाउडस्पीकर पर कमान संभालनी पड़ी. फिर इसके बाद एक-एक मृतक के परिजन को बुलाकर दस्तावेजों को तैयार कराने में सहयोग लिया गया. ये पूरी प्रक्रिया रात भर चलती रहीं.
अपनों की तलाश में आंखें
वहीं मोर्चरी में रखे शवों की पहचान कराने के लिए एक-एक व्यक्ति को अंदर भेजा गया. इतनी बड़ी संख्या में शवों को देखकर कुछ लोग विचलित भी हुए. एटा जिले में पोस्टमार्टम हाउस पर 27 शव पहुंचे. ऐसे में हादसे की जानकारी जिसको मिली वह पोस्टमार्टम हाउस की तरफ दौड़ पड़ा. लोगों ने वहां रखे शवों को देखा. कहीं कोई उनका परिचित तो इनमें नहीं हैं. हॉस्पिटल में ऐसे लोग भी पहुंचे जिन्हें घटनास्थल पर सूचना दी गई थी कि मृतकों को एटा मेडिकल कॉलेज पहुंचाया गया है. अपनों की तलाश में लोग यहां पर पहुंच गए. जब पोस्टमार्टम हाउस के अंदर पहचान के लिए गए तो लाशों में कोई अपना नहीं मिला. इन लोगों को वापस हाथरस जाना पड़ा.
पोस्टमार्टम हाउस पर शाम 3 बजे से शव पहुंचना शुरू हो गए थे. बाद में एक के बाद एक शव आता रहा. पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंच प्रत्यक्षदर्शी ने बताया उनके गांव से कई लोग सत्संग में जाते हैं. बहुत से लोग ये जानने के लिए पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे की उनमें कोई अपना तो नही.
कैसे हुई भगदड़
भगदड़ दोपहर करीब साढ़े तीन बजे उस समय मच गई जब बाबा सत्संग खत्म करके कार्यक्रम स्थल से निकल रहे थे. बाबा के भक्त दर्शन करने और चरणों की धूल लेने के लिए भोले बाबा की गाड़ी के पीछे दौड़े थे. इसी दौरान पीछे से भीड़ का दबाव बढ़ने पर लोग सड़क के किनारे खाई में एकदूसरे के ऊपर गिरने लगे. बहुत लोग भीड़ में गिरने के बाद दबने और कुचलने से मरे.ऐसे में महिलाएं और बच्चे फंस गए और पुरुष औऱ अन्य लोग उन्हें कुचलते निकल गए. ज्यादातर लोगों की वजह दम घुटने से बताई जा रही है.