उत्तर प्रदेश के बरेली में अंधविश्वास की एक बेहद खौफनाक घटना सामने आई है. बीमार सुसर को ठीक करने के लिए घरवालों ने बहू पर चाकुओं से कई बार हमला किया. उनका मानना था कि जितनी बार बहू पर हमला होगा उतने ज्यादा साल तक ससुर जिंदा रहेंगे.
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सुबोध मिश्रा/बरेली: उत्तर प्रदेश के बरेली में अंधविश्वास की एक बहुत ही खौफनाक घटना सामने आई है. बरेली के बारादरी थाना क्षेत्र के मुहल्ला सिकलापुर की रहने वाली एक महिला ने अपनी ननद, ननदोई और जेठ पर तंत्र मंत्र के जरिए उसकी बलि लेने की कोशिश का अरोप लगाया है. पीड़िता रेणू का विवाह आठ साल पहले सिकलापुर धर्मशाला के रहने वाले संजीव से हुआ था. दोनों की एक बेटी भी है.
कुछ महीने से संजीव के पिता जगदीश बीमार चल रहे थे. महिला ने बताया कि ससुर को ठीक करने के लिए उसकी ननद, ननदोई और जेठ ने उस पर कई बार चाकुओं से वार भी किया. पीड़िता रेणू फिलहाल गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती है. महिला के शरीर पर चाकुओं से लगे जख्मों पर डॉक्टरों को 450 टांके लगाने पड़े हैं, जिसमें से 20 से ज्यादा टांके तो सिर्फ चेहरे पर लगे हैं.
रेणू की ओर से बारादरी थाने में दर्ज कराई गई एफआईआर पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने उसकी ननद को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने बताया कि ननद ने रेणू पर चाकू से हमला करने की बात कबूल कर ली है. इस मामले के बाकी आरोपी फिलहाल फरार हैं और पुलिस उनकी तलाश कर रही है. रेनू की दो ननदें और ननदोई तांत्रिक हैं.
ससुर को ठीक करने के लिए रची गई थी बहू की बलि की साजिश
पीड़िता रेणू के भाई ने पुलिस को बताया कि उसकी बहन के ससुर पिछले कई दिनों से बीमार हैं. अंधविश्वास के चलते जेठ, ननद और ननदोई ने रेणू पर चाकुओं से कई बार हमला किया. इस दौरान ननद बार-बार कह रही थी कि जितनी ज्यादा बार रेणू पर चाकुओं से वार किया जाएगा उतने ज्यादा साल तक उनके पिता (रेणू के ससुर) जिंदा रहेंगे.
चाकुओं के वार से रेणू लहूलुहान हो गई. वह जख्मी हालत में घर से जान बचाकर भागने में कामयाब रही. भागते हुए रेणू बरेली कॉलेज के पास बेहोश होकर गिर पड़ी. राहगीरों से सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और रेणू को अस्पताल में भर्ती कराया. हालत गंभीर होने की वजह से रेणू के परिवारवालों ने उसे प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया. (संपादन: दिव्यांश शर्मा)