उत्तराखंड में होगा अंतरराष्ट्रीय हरित ऊर्जा सम्मेलन, 250 प्रतिनिधि होंगे शामिल
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उत्तराखंड में होगा अंतरराष्ट्रीय हरित ऊर्जा सम्मेलन, 250 प्रतिनिधि होंगे शामिल

प्रदेश में होने वाले इस सम्मेलन के संबंध में शुक्रवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने अधिकारियों की बैठक ली.

सम्मेलन के संबंध में शुक्रवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने अधिकारियों की बैठक ली.

देहरादून: राजधानी देहरादून में जून के पहले सप्ताह में अन्तर्राष्ट्रीय हरित ऊर्जा सम्मेलन का आयोजन किया जायेगा. इस सम्मेलन में केन्द्रीय नवीन एवं नवीकरणीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, वन एवं पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन जलशक्ति मंत्रालय के मंत्री शिरकत करेंगे. साथ ही नीति आयोग के उपाध्यक्ष व जिन देशों का रिनोवेशन इनर्जी पर ज्यादा फोकस है उनमें चैक रिपब्लिक, नार्वे, स्वीडन, कनाडा, नीदरलैंड, स्पेन, यू.ए.ई. आदि देशों के प्रतिनिधि भी प्रतिभाग करेंगे.

प्रदेश में होने वाले इस सम्मेलन के संबंध में शुक्रवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने अधिकारियों की बैठक ली. सीएम ने रिनोवेशन इनर्जी को भविष्य की जरूरत बताया और कहा कि इस दिशा में गंभीरता से सोचने की जरूरत है. सीएम ने कहा कि इस दिशा में हम कैसे आगे बढ़े इस पर भी चिंतन की जरूरत है. देहरादून के ग्रीन सिटी के रूप में चयनित होने से इस दिशा में राज्य सरकार की जिम्मेदारी भी बढ़ी है. सम्मेलन के जरिए इस दिशा में यह प्रभावी पहल होगी.

अधिकारियों के साथ इस संबंध में बैठक में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि सम्मेलन में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय हरित ऊर्जा विकास के आयामों, ऊर्जा परियोजनाओं के विकास हेतु बाध्यतायें व सीमायें पर चर्चा होगी. साथ ही ऊर्जा परियोजनाओं के वित्तीय प्रबंधन, इस क्षेत्र के विभिन्न अधिनियम एवं नीतियों के साथ ही ऊर्जा क्षेत्र में नवीन तकनीकि एवं आविष्कार जैसे विषयों पर क्षेत्र के विषय-विशेषज्ञों द्वारा अपने विचार व्यक्त किये जायेंगे. उनके सुझाव भी इस दिशा में कारगर साबित होंगे. सीएम ने कहा कि हाइड्रो व थर्मल पावर की सीमायें और सीमित हो रही हैं. अब भविष्य के लिए वैकल्पिक ऊर्जा के साधनों पर ही हमें ध्यान देना होगा. इस दृष्टि से भी यह सम्मेलन उपयोगी सिद्ध होगी.

यह सम्मेलन जून महीने में प्रस्तावित है , इसमें दुनिया भर से ऊर्जा क्षेत्र से संबन्धित लगभग 250 से अधिक प्रतिनिधियों के भाग लेने की संभावना है. सम्मेलन में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हरित ऊर्जा विकास के विभिन्न आयामों पर विचार विमर्श किया जाएगा. साथ ही उत्तराखण्ड के लिए महत्वपूर्ण जल विद्युत एवं हरित ऊर्जा से सम्बन्धित अन्य परियोजनाओं के विकास, निर्माण एवं क्रियान्वयन में आने वाली बाधाओं, समस्याओं एवं मुद्दों के साथ-साथ ऊर्जा परियोजनाओं हेतु सुचारू वित्तीय प्रबन्धन पर भी चर्चा की जायेगी. इसके अलावा सम्मेलन में ऊर्जा क्षेत्र में विकसित हो रही नवीनतम तकनीकों एवं सामग्रियों तथा विभिन्न नीतियों, विनियमों एवं अधिनियमों आदि पर भी गहन विमर्श होगा. सम्मेलन में केन्द्र सरकार एवं विभिन्न राज्य संस्थानों, निर्माण क्षेत्र से जुड़े व्यवसायियों, वित्तीय संस्थाओं के साथ ही ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े पेशेवरों के प्रतिनिधि प्रतिभाग करेंगे.

यह सम्मेलन उत्तराखण्ड शासन एवं ऊर्जा विभाग के तत्वाधान में यूजेवीएन लिमिटेड, उत्तराखण्ड पावर कारपोरेशन, पिटकुल एवं उरेडा द्वारा मिलकर आयोजित किया जाना है. सम्मेलन से निकले निष्कर्षों को राज्य की हरित ऊर्जा परियोजनाओं के विकास, निर्माण एवं परिचालन की रूपरेखा एवं नीतियों को तय करने में उपयोग किया जाएगा.

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