ISI एजेंट रमेश सिंह का बड़ा खुलासा, निशाने पर था बरेली कैंटोनमेंट
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ISI एजेंट रमेश सिंह का बड़ा खुलासा, निशाने पर था बरेली कैंटोनमेंट

पिथौरागढ़ से गिरफ्तार ISI एजेंट रमेश सिंह ने पूछताछ में खुलासा किया कि उसे बरेली कैंटोनमेंट में सेना अधिकारियों की जासूसी करनी थी.

22 मई को रमेश सिंह को यूपी एटीएस ने गिरफ्तार किया था. (फाइल फोटो)

लखनऊ: पिछले दिनों उत्तर प्रदेश ATS ने उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से ISI एजेंट रमेश सिंह कन्याल को गिरफ्तार किया था. पूछताछ के दौरान उसने कई अहम खुलासे किए हैं. जी मीडिया से बात करते हुए यूपी ATS के IG असीम अरुण ने महत्वपूर्ण जानकारियां दी. उन्होंने कहा कि ISI एजेंट रमेश सिंह को बरेली कैंटोनमेंट की रेकी करने को कहा गया था. उसे कहा गया था कि वह कैंटोनमेंट के बड़े अधिकारियों की जासूसी करे. इसके लिए रमेश को अधिकारियों के यहां बतौर नौकर या ड्राइवर काम करने का आदेश दिया गया था. इस काम के लिए रमेश ने कैंटोनमेंट की रेकी भी कर ली थी. इससे पहले कि वह सेना के अधिकारियों के पास पहुंच पाता, यूपी एटीएस के हत्थे चढ़ गया. पूछताछ की प्रक्रिया पूरी कर देने के बाद, फिलहाल रमेश को  जेल में शिफ्ट कर दिया गया है.

कैंटोनमेंट एरिया की रेकी कर चुका था
यूपी एटीएस के आईजी ने जी मीडिया से बात करते हुए कहा कि रमेश कई बार बरेली के कैंटोनमेंट रेकी करने पहुंचा था. उसे ISI ने अधिकारियों की लिस्ट दी थी, जिसमें उसे कहा गया था इन अधिकारियों के यहां वह ड्राइवर बनके या फिर हेल्पर बनके काम पर लग जाए और जासूसी करे. बता दें, रमेश को 22 मई को उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से गिरफ्तार किया गया था.

दो साल तक पाकिस्तान में रहा था
रमेश पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग में नियुक्त एक अधिकारी के साथ घरेलू कार्य के लिए इस्लामाबाद गया था. वहां वो भारतीय सेना के अफसर के साथ 2 साल से ज्यादा वक्त तक रहा. इस दौरान वह ISI के लिए सेना के अफसर की जासूसी करता रहा. रमेश जब भी भारत आता था तो डॉलर के रूप में बड़ी रकम लेकर आता था. भारत आने पर वह दिल्ली में बैंकों से डॉलर को रुपए में बदलता था. 

22 मई को उसे डीडीहाट से गिरफ्तार किया गया था
रमेश सिंह कन्याल डीडीहाट थाना क्षेत्र के खेतार किरोली गांव का रहने वाला है. ATS की पांच लोगों की टीम डीडीहाट पहुंच कर उसे गिरफ्तार किया. गिरफ्तार करने के बाद डीडीहाट सेशन कोर्ट से आरोपी को ट्रांजिट रिमांड पर लेकर लखनऊ ले जाया गया. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, आरोपी मई 2015 से सितंबर 2017 तक पाकिस्तान में रहा था. लखनऊ ATS ने 20 मई को आरोपी के खिलाफ लखनऊ में मामला दर्ज कराया था.

तीन पाकिस्तानी सिम मिले थे
रमेश के पास से QMobile ब्रांड का एक मोबाइल, 3 सिम और एक पाकिस्तानी चिप मिला है. रमेश सिंतबर 2017 में भारत वापस लौट आया था, तभी से सुरक्षा एजेंसियों की नजर उस पर थी. ADG, आनंद कुमार ने कहा कि रमेश को ट्रांजिट रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है कि वो पाकिस्तान में किन-किन लोगों से मिला और उसने कौन सी सूचनाएं लीक की हैं. उससे यह भी जानने की कोशिश की जा रही है कि वर्तमान में वह ISI के लिए क्या काम कर रहा है और किस तरह की सूचनाओं के लिए उसे ISI से निर्देश मिले हैं.

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