लोगों में मचा हाहाकार, आखिर कैसे चढ़ी बूथ के ऊपर कार...?
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लोगों में मचा हाहाकार, आखिर कैसे चढ़ी बूथ के ऊपर कार...?

इस नजारे को देखने के लिए राहगीर भी चंद मिनटों के लिए रुक जाते हैं. पहले तो सोचते हैं और फिर जब समझते हैं कि यह मॉडल है तो फिर यहां सेल्फी लेकर इसे अपने कैमरे में सहेज लेते हैं.

लोगों में मचा हाहाकार, आखिर कैसे चढ़ी बूथ के ऊपर कार...?

करन मिश्रा/जबलपुर: सड़क पर गाड़ी चलाते समय थोड़ी सी चूक या लापरवाही एक अच्छी रोड ट्रिप को हादसे में तब्दील कर देती है. हादसे के बाद लोग इक्कठे हो कर देखते हैं और कहते हैं... 'हे भगवान बहुत बुरा हुआ! यदि ऐसा किया होता या वैसा किया होता तो ऐसा हादसा नहीं हुआ होता.' खैर, हकीकत यह है कि रोड सेफ्टी नियमों की बात तो हम सब करते हैं, लेकिन खुद कितना सेफ होकर गाड़ी चलाते हैं यह सवाल खुद से ही पूछना बेहतर होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि लापरवाही बरतने के चलते इंसान खुद-ब-खुद सड़क दुर्घटनाओं का शिकार होता है. इस बात का एहसास कराने जबलपुर ट्रैफिक पुलिस ने एक अनूठा जागरूक अभियान शुरू किया है. जहां NH-7 नागपुर इलाहाबाद हाइवे पर एक एक्सीडेंटल वाहन को एक बूथ के ऊपर रखा गया है जो पहले तो किसी को भी अचंभित कर देता है, लेकिन जब लोगों की निगाह बूथ पर लिखी लाइनों पर जाती है, तो कुछ सीख मिलती है. सीख यह कि अगर आप गाड़ी चला रहे हैं तो धीमी गति और सुरक्षित होने के साथ यातायात नियमों का पालन जरूर करें.

जो कोई भी जबलपुर से लगे NH-7 से गुजरा और एक बूथ को ऊपर तहस-नहस हालत में गाड़ी का नजारा देखा तो हैरान-परेशान हो गया. सबके दिमाग में यह ही बात आई कि आखिर इतनी भारी गाड़ी बूथ पर पहुंची कैसे?  दरअसल, जबलपुर यातायात पुलिस द्वारा रोड सेफ्टी के प्रति लोगों को जागरूक करने का एक अनोखा प्रयोग कर सड़क दुर्घटना में क्षतिग्रस्त कार को हाइवे के किनारे बूथ के ऊपर रखा गया है, जो यह बतलाती है कि अगर आप सुरक्षित होकर वाहन नहीं चलाएंगे तो कुछ ऐसा ही हादसा आपके साथ भी हो सकता है.

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देखते ही थम जाते हैं पहिये, ले कर जा रहे हैं सीख...
इस मॉडल और नजारे को देखने के लिए राहगीर भी चंद मिनटों के लिए रुक जाते हैं. पहले तो सोचते हैं और फिर जब समझते हैं कि यह मॉडल है तो फिर यहां सेल्फी लेकर इसे अपने कैमरे में सहेज लेते हैं. लोगों का मानना है कि NH-7 पर आए दिन भीषण सड़क हादसे होते रहते हैं. ऐसे में यातायात पुलिस का यह प्रयास बेहद अच्छा है, क्योंकि लोग डर कर जरूर रुकते हैं, लेकिन जब बाद में समझ आता है कि यह जनहित से जुड़ा हुआ एक जन जागरूकता का मॉडल है, तो बेशक इससे सीख लेते हैं. 

इस जगह को ही क्यों चुना गया?
NH-7 में ट्रैफिक का दबाव बेहद ज्यादा होता है. भारी वाहनों की आवाजाही हो या फिर यात्री वाहनों का गुजरना, इस हाईवे रोड पर यातायात का दबाव हमेशा बना रहता है. इस वजह से हादसे भी काफी होते हैं. यही वजह है कि ट्रैफिक पुलिस ने इस जगह चुना है. बावजूद इसके, यह बात आम है कि लोग बिना इंडिकेटर के हाई स्पीड हाईवे में मुड़ जाते हैं. या फिर कोई जल्दबाजी में अपनी गाड़ी को आगे निकालता है. इस प्रकार की लापरवाही हर मिनट देखने को मिलती है. 

दुर्घटना से देर भली...
इस मॉडल के जरिये ट्रैफिक पुलिस ने लोगों को जागरूक करने की यह अनूठी पहल की जो शुरुआत की है, उसका असर भी दिखने लगा है. लेकिन जो लोग अभी भी तमाम नियमों को दरकिनार कर जल्दबाजी में अपना सफर तय करना ज्यादा बेहतर समझते हैं, उनके लिए यह मॉडल सिर्फ मॉडल नहीं बल्कि भविष्य में सम्भावित हादसे की जागती हुई तस्वीर है. ऐसे में हम तो यही कहेंगे कि दुर्घटना से देर भली! 

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