हत्याकांड से 24 घंटे पहले तक Vikas Dubey कर रहा था पुलिसवालों से बात, इन्होंने दी Raid की खबर!
सूत्रों के मुताबिक जो कॉल डीटेल्स सामने आई हैं, उसे आधार पर ये अंदाजा लगाया जा रहा है कि पुलिस की रेड होने वाली है, इस खबर को विकास दुबे तक किसी पुलिसवाले ने ही पहुंचाया है. हालांकि पुलिस महकमे का कोई भी अधिकारी इस पर बात नहीं कर रहा है. लेकिन सोर्सेज के मुताबिक शक के घेरे में एक दरोगा, एक सिपाही और एक होमगार्ड भी है
कानपुर: कानपुर में एनकाउंटर के दौरान हुए पुलिसकर्मियों के हत्याकांड के बाद यूपी पुलिस अपनी ताकत अपराधी विकास दुबे को तलाशने में झोंक चुकी है. इस वक्त प्रदेश में चप्पे-चप्पे पर पुलिस की नजर है. लेकिन कहीं न कहीं इस बात का संदेह भी बना हुआ है कि पुलिस की गतिविधियों की खबर विकास दुबे तक पहुंच तो नहीं रही! ये आशंका इसलिए उठ रही है क्योंकि विकास दुबे की हत्याकांड से 24 घंटे पहले तक की कॉल डीटेल्स पुलिस ने निकाल ली है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि पुलिस महकमे के भी कई लोग इस जघन्य हत्याकांड से 24 घंटे पहले तक हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के संपर्क में थे.
विकास दुबे कई पुलिसवालों से भी करता रहा बात !
सूत्रों के मुताबिक जो कॉल डीटेल्स सामने आई हैं, उसे आधार पर ये अंदाजा लगाया जा रहा है कि पुलिस की रेड होने वाली है, इस खबर को विकास दुबे तक किसी पुलिसवाले ने ही पहुंचाया है. हालांकि पुलिस महकमे का कोई भी अधिकारी इस पर बात नहीं कर रहा है. लेकिन सोर्सेज के मुताबिक शक के घेरे में एक दरोगा, एक सिपाही और एक होमगार्ड भी है. इन तीनों की कॉल डीटेल्स के आदार पर इनसे पूछताछ भी हुई है. खबरें ऐसी भी सामने आई हैं कि जिस पीड़ित राहुल तिवारी ने विकास दुबे पर धारा 307 के तहत मुकदमा लिखाया था, उसकी पिटाई चौबेपुर के SO के सामने ही हुई थी.
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चौबेपुर के SO से STF ने जमकर पूछताछ की, शक के घेरे में
यूपी STF ने चौबेपुर SO विनय तिवारी को इस मामले में ग्रिल कर रहे हैं. सूत्रों की मानें तो हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे पर FIR दर्ज करने के मामले में SO विनय तिवारी की भूमिका संदिग्ध पाई गई है. चौबेपुर थानेदार विनय तिवारी पर विकास दुबे के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के बारे में मुखबिरी का शक है. सूत्रों के मुताबिक जब पुलिस टीम विकास दुबे को गिरफ्तार करने पहुंची थी तो थानेदार विनय तिवारी दबिश में सबसे पीछे चल रहा थे. CO देवेंद्र मिश्रा और थानेदार विनय तिवारी में पटरी नहीं थी. इसके चलते थानेदार पर हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे से सीओ देवेंद्र मिश्रा की मुखबिरी का शक है.
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विकास दुबे की तलाश में 25 टीमें दे रही हैं दबिश
कानपुर शूटआउट के मामले में पुलिस और STF टीम पूरी रात छापेमारी करती रही. पुलिस की क़रीब 25 टीमें अलग-अलग ज़िलों में दबिश देती रही. ये वो जगहें थीं, जहां पर विकास दुबे के रिश्तेदार और परिचित रहते हैं. पुलिस ने इस मामले मे 12 और लोगों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ शुरू कर दी है. पुलिस ने इन लोगों को मोबाइल कॉल डिटेल के आधार पर उठाया है. ये वही लोग हैं, जिनसे घटना से 24 घंटे पहले विकास दुबे बात कर रहा था.
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