kanpur Latest News : हाथरस में सत्संग करने वाले नारायण साकार हरि बाबा की तरह ही कानपुर में भी एक बाबा सोशल मीडिया पर बड़ी-बड़ी बीमारियों का दावा कर रहा है.
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आलोक त्रिपाठी/कानपुर देहात : हाथरस सत्संग हादसे में 123 मौतों के बाद सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि बाबा को लेकर तरह-तरह के खुलासे किए जा रहे हैं. सूरजपाल जो अपने आप को भगवान मानता था इसकी हकीकत लोगों के सामने कैसे आ गई, ऐसा ही कानपुर देहात का एक बाबा इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. बाबा अंधविश्वास में लोगों को डालकर भगवान के नाम पर ठगी कर रहा है. साथ ही लोगों की आस्था से खिलवाड़ कर रहा है. बाबा 20-20 रुपये का पानी बेचकर लोगों से ठगी कर रहा है.
कैंसर से लेकर शुगर तक ठीक करने का दावा
यह बाबा देवराहट थाना क्षेत्र के चैन का पुरवा गांव में बने शक्ति पीठ का मठाधीश बाबा हरि ओम महाराज के नाम से जाना जाता है. इस बाबा ने भी हाल में ही अपने पाखण्ड के धंधे का शुरुआत किया है. यह बाबा भी पाखंड का साम्राज्य उन्हीं बाबाओं के तरीके फैला रहा है. बाबा हरिओम भी कैंसर से लेकर शुगर की बीमारी का इलाज और बड़ी से बड़ी बीमारी को फूंक मार खत्म कर देता है. बाबा हरिओम नल के पानी को फूंक मार कर मंत्रों का ढोंग रच कर पानी को अमृत में बदलने का झूठ बोल लोगों को पिलाकर सही करने का दावा करता है.
बड़ी-बड़ी बीमारी ठीक करने का दावा
बाबा पानी की बोतल में पाखंडी मंत्रों से पानी को अमृत बनाने का दावा करता है और बड़ी से बड़ी बीमारी ठीक होने का दावा भी करता है. यहां तक की जिन महिलाओं को बच्चे नहीं होते हैं उनको भी पाखंडी अमृत वाला पानी पिलाकर बच्चे होने की समस्या को दूर करता है. बाबा का दावा है कि पाखंड के दिए गए इस मंत्रों के पानी का अमृत बन जाता है और बाबा हरिओम भोली भाली जनता से इस अमृत नाम के पानी के एवज में 20 रुपये चार्ज लेता है. बाबा हरिओम सरकार के आश्रम पर भूत प्रेत की परेशान महिला और पुरुष भी पहुंचते हैं.
पानी पीते ही भूत भगाने का दावा
दावा है कि हैंडपंप के पानी में वह चमत्कार है कि बड़े से बड़ा भूत दुम दबाकर बाबा के आश्रम से भाग जाता है तो बाबा के चेले चपाटी भी चारों तरफ अपना मकड़ जाल फैला रहे हैं. बाबा हरिओम से जब मीडिया ने बात करनी चाहिए तो बाबा ने भगवान की इजाजत न कहते हुए कुछ भी बोलने से मना कर दिया कहा. भगवान जब उसे इशारा देंगे तो सबके सामने आकर अपना परिचय देगा. हालांकि, बाबा हरि ओम भी अपने आप को भगवान से काम नहीं मानता है. मंच में बैठ बैठकर लोगों से अपनी पूजा करने के लिए कहता है जो लोग प्रसाद फूल भगवान को चढ़ने के लिए लाते हैं वह बाबा अपने ऊपर ही चढ़ाने के लिए ही कहता है.
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