इंस्‍टाग्राम ने 20 साल बाद बिछड़े भाई को मिलाया, कानपुर की बहन ने ऐसे खोज निकाला भाई
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इंस्‍टाग्राम ने 20 साल बाद बिछड़े भाई को मिलाया, कानपुर की बहन ने ऐसे खोज निकाला भाई

Kanpur News : यहां 20 साल पहले खोए भाई को बहन ने इंस्‍टाग्राम के जरिए खोज निकाला है. बहन ने भाई के टूटे दांत से पहचान लिया, इसके बाद भाई को घर लाने के लिए राजस्‍थान पहुंच गई.

Kanpur Govind

Kanpur News : यूपी के कानपुर में दिल को छू लेने वाली घटना सामने आई है. यहां 20 साल पहले खोए भाई को बहन ने इंस्‍टाग्राम के जरिए खोज निकाला है. बहन ने भाई के टूटे दांत से पहचान लिया, इसके बाद भाई को घर लाने के लिए राजस्‍थान पहुंच गई. 20 साल बाद मिले भाई-बहन की ये अनोखी कहानी जो कोई सुन रहा है, वह दंग रह जा रहा है. 

ऐसे मिला 20 साल बाद खोया भाई 
दरअसल, बिंदकी तहसील के पनई इनायतपुर गांव हाथीपुर गांव की रहने वाली राजकुमारी का भाई गोविंद नौकरी की तलाश में कानपुर से मुंबई गया हुआ था. इस दौरान मुंबई में बीमार पड़ने के बाद उसने कानपुर के लिए ट्रेन पकड़ी. गलती से वह दूसरी ट्रेन में बैठ गया. वह कानपुर की जगह जयपुर पहुंच गया. इसके बाद वह जयपुर में ही रहकर नौकरी करने लगा और कानपुर नहीं पहुंच पाया. 

इंस्‍टग्राम पर रील ने मिलाया 
इस बीच कानपुर में राजकुमारी एक दिन अपने मोबाइल पर इंस्‍टाग्राम रील देख रही थीं. इस दौरान राजकुमारी को उसके भाई गोविंद जैसा चेहरा दिखाई दिया. राजकुमारी ने गोविंद के टूटे दांत से उसकी पहचान कर ली. इसके बाद गोविंद की तलाश में जुट गई. इस बीच पता चला कि रील में दिखाई दे रहा बैकग्राउंड राजस्‍थान का था. राजकुमारी गोविंद को ढूंढते हुए राजस्‍थान पहुंच गई. 

मैसेज और कमेंट कर बचपन की याद दिलाई 
इसके बाद बहन राजकुमारी ने भाई गोविंद को मैसेज और उसकी रील में कमेंट करके अपनी पहचान बताई. इस बीच राजकुमारी ने गोविंद को याद दिलाने के लिए पुरानी बातें भी याद दिलाई. तब जाकर भाई गोविंद को धीरे-धीरे सबकुछ याद आ गया और अपनी बहन को पहचान गया. इसके बाद वापस कानपुर आकर मिलने का वादा भी किया और दोनों की मुलाकात भी हुई. 

जयपुर से हो गया था भाई को लगाव 
बताया गया कि गोविंद राजस्‍थान के जयपुर में रह रहा था. काफी लंबे समय तक रहने के बाद गोविंद को जयपुर पसंद आ गया था. गोविंद जयपुर के टूरिस्ट प्लेस को दिखाने के लिए इंस्टाग्राम पर रील भी बनाने लगा. एक दिन गोविंद की यही रील उनकी बहन ने भी देख ली. बहन राजकुमारी ने गोविंद को पहचान लिया और अब गोविंद 20 जून को बहन के पास पहुंचा और उससे मुलाकात की. इस दौरान बहन और भाई की आंखे भर आईं और 20 साल पहले के बचपन की यादें भी ताजा हो गईं. 

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