कासगंज कांड: 2 पुलिसकर्मियों पर हुए हमले में सिपाही शहीद, 1 अपराधी मुठभेड़ में ढेर
किसी ग्रामीण ने रास्ते में बुरी तरह से घायल दारोगा को देखा और पुलिस को इसकी जानकारी दी. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और दारोगा को तत्काल रूप से अस्पताल पहुंचाया गया.
कासगंज: बीते मंगलवार कासगंज में कानपुर के बिकरू जैसा मामला सामने आया है. जहां अवैध शराब के कारोबार को बंद कराने गई पुलिस टीम पर जानलेवा हमला कर दिया गया. शराब माफिया ने एक सब इंस्पेक्टर और सिपाही को बंधक बनाकर पीटा. घटना की सूचना मिलते ही भारी तादाद में कई थानों की फोर्स मौके पर पहुंच गई. मौके पर पहुंची पुलिस को लहूलुहान सिपाही की लाश और अर्धनग्न अवस्था में घायल दारोगा मिले. गंभीर हालत में दारोगा को अलीगढ़ रेफर किया गया है. बता दें, दारोगा की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है. हमलावरों की तलाश में अब पुलिस छापेमारी कर रही है. जानकारी मिली है कि पुलिस ने मुठभेड़ में अरपराधी मोती का भाई एलकार सिंह मारा गया है.
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सीएम योगी ने दिए सख्त कार्रवाई के आदेश
उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस वारदात में शामिल सभी तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. सीएम ने कहा है कि गुनाहगारों पर NSA के तहत कार्रवाई की जाएगी. वहीं, शहीद पुलिसकर्मी के परिवार के प्रति संवेदना जताते हुए 50 लाख की आर्थिक सहायता और आश्रित को सरकारी नौकरी देने के लिए भी कहा है.
कासगंज में क्या हुआ?
जानकारी के मुताबिक 9 फरवरी की शाम को सिढ़पुरा थाने के सब इंस्पेक्टर अशोक पाल और सिपाही देवेंद्र सिंह को अवैध शराब के कारोबार की सूचना मिली थी. दोनों पुलिसकर्मी दबिश देने के लिए लोकेशन पर पहुंचे. माफियाओं को इस बात की खबर लगी, तो उन्होंने दोनों पर हमला कर उन्हें बंधक बना लिया और पीटा. माफिया ने उनकी वर्दी भी फाड़ दी और हथियार छीन लिए. इसके बाद दारोगा को रास्ते में कहीं फेंक दिया और सिपाही को अपने साथ ले कर चले गए.
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ग्रामीण ने पुलिस को दी सूचना
किसी ग्रामीण ने रास्ते में बुरी तरह से घायल दारोगा को देखा और पुलिस को इसकी जानकारी दी. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और दारोगा को तत्काल रूप से अस्पताल पहुंचाया गया. साथ ही, सिपाही की तलाश भी शुरू हुई. एसपी ने सिपाही को ढूंढने के लिए पुलिस की कई टीमें रवाना कीं. लगभग एक घंटे तक तलाशने के बाद उन्हें जंगल के काफी अंदर सिपाही देवेंद्र सिंह पड़ा मिला. हमलावरों ने उसको भी दारोगा की तरह गंभीर रूप से घायल कर दिया था.
कुर्की का नोटिस चस्पा करने गए थे दोनों
ऐसे में सिपाही को भी जिला अस्पताल भेजा गया, जिसके बाद उसे अलीगढ़ रेफर कर दिया गया. रास्ते में ही घायल सिपाही ने दम तोड़ दिया. जानकारी मिलते ही एडीजी अजय आनंद, डीआईजी पीयूष मोर्डिया और डीएम चन्द्रप्रकाश सिंह पहुंच गए. पुलिस जानकारी के मुताबिक दोनों पुलिसकर्मी कुर्की के पहले नोटिस चस्पा करने गए थे, लेकिन उन्हें वहां बंधक बना लिया गया.
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मोती धीमर बताया जा रहा कासगंज का मुख्यारोपी
घटना के बाद कासगंज पहुंचे एडीजी अजय आनन्द ने भारी पुलिस बल के साथ घटना स्थल का निरीक्षण किया. एडीजी ने बताया कि SI अशोक पाल और कॉन्स्टेबल देवेंद्र गश्त पर थे. उस दौरान वह नगला धीमर गांव पहुंचे. इस गांव में कच्ची शराब बनाने की सूचना पहले भी कई बार मिली है. ऐसे में मंगलवार शाम करीब 6.30 बजे CO पटियाली को सूचना मिली कि SI और कॉन्स्टेबल के साथ मारपीट की गई है. सूचना पर कासगंज पुलिस और आस-पास के जनपदों की पुलिस घटनास्थल पर पहुंची. तलाश करने पर पुलिस को काली नदी की कटरी में तीन किलो मीटर की दूरी पर सिपाही और एस.आई घायल हालत में मिले. सिपाही की इलाज के दौरान ले जाते समय मौत हो गई, वहीं एसआई अशोक पाल गंभीर रूप से घायल हैं और उनको इलाज के लिए अलीगढ़ रेफर किया गया है. एडीजी ने बताया कि इस वारदात में 4-6 अपराधी शामिल थे. पूरे गांव को घेर कर तलाशी की जा रही है. अपराधियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी. घटना का मुख्य आरोपी मोती धीमर बताया जा रहा है, जो सिढ़पुरा कोतवाली का हिस्ट्रीशीटर है. उसपर पहले से ही 11 केस दर्ज हैं.
बिकरू कांड जैसा ही है कासगंज कांड
कासगंज में हुए इस कांड ने दुर्दांत अपराधी विकास दुबे द्वारा रचाए बिकरू कांड की याद दिला दी है. बिकरू में गैंगस्टर विकास दुबे के यहां दबिश देने गई पुलिस टीम पर उसने और उसके गुर्गों ने जानलेवा हमला किया था, जिसमें CO समेत कई पुलिसकर्मी शहीद हुए थे. ऐसे ही कासगंज में शराब माफिया ने 2 पुलिसकर्मियों पर न सिर्फ हमला किया, बल्कि उन्हें अगवा कर अपने साथ ले गए और मार-पीट कर दोनों को रास्ते में फेंक दिया.
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