टनल में फंसे 11 वर्कर्स ने छोड़ दी थी जिंदा रहने की उम्मीद, एक फोन कॉल ने बचा ली सबकी जान
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टनल में फंसे 11 वर्कर्स ने छोड़ दी थी जिंदा रहने की उम्मीद, एक फोन कॉल ने बचा ली सबकी जान

टनल के अंदर ये लोग सुबह 10.00 बजे काम करने पहुंचे थे, जिसके बाद वे वहीं फंस गए और शाम को करीब 5.00 बजे उन्हें बाहर निकाला जा सका. रेस्क्यू करने के बाद सबको हादसे की जगह  से 25 किलोमीटर दूरे ITBP अस्पताल में भर्ती कराया गया. 

टनल में फंसे 11 वर्कर्स ने छोड़ दी थी जिंदा रहने की उम्मीद, एक फोन कॉल ने बचा ली सबकी जान

चमोली: बीते रविवार उत्तराखंड के चमोली में बांध टूटने से भयंकर तबाही हुई. बांध टूटने की वजह से जो बाढ़ आई थी, उसका परिणाम यह हुआ कि पास के तपोवन इलाके में एक अंडरग्राउंड टनल में पानी और मलबा जमा हो गया और टनल बंद हो गई. उस दौरान सुरंग के अंदर 12 लोग काम कर रहे थे, जो वहीं फंस गए. उनके पास बाहर निकलने का कोई साधन नहीं था और इस आपदा को अपना अंत समझ सभी उम्मीद हार गए थे. लेकिन तभी किस्मत ने उनका साथ दिया और एक फोन कॉल ने उनकी जान बचा ली.

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मोबाइल नेटवर्क ने बचाई जान
वैसे तो अंडरग्राउंड काम कर रहे हों, तो मोबाइल में नेटवर्क नहीं आते. लेकिन, फंसे हुए लोगों में से एक को अपने मोबाइल में नेटवर्क दिखा. उसने तुरंत अपने अधिकारियों को फोन कर स्थिति की जानकारी दी. सूचना मिलते ही इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (ITBP) उनके रेस्क्यू के लिए आई और वर्कर्स को बचाया जा सका.

वर्कर्स ने छोड़ दी थी जिंदा रहने की उम्मीद
सभी लोगों को फर्स्ट एड के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार तपोवन प्रोजेक्ट में काम कर रहे एक वर्कर ने बताया कि बाहर क्या हुआ, इसकी तो जानकारी नहीं थी, लेकिन टनल के अंदर अचानक मलबा और पानी भरने से सबने बचने की उम्मीद छोड़ दी थी. तभी उन्हें एक रोशनी दिखी और वहां से सांस लेने के लिए कुछ हवा मिली. इसके बाद एक मोबाइल में नेटवर्क आया और फोन कॉल ने उनकी जिंदगी बचा ली. 

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इससे पहले कुछ समझ पाते, टनल में भर गया मलबा
कर्मचारियों के मुताबिक, जब वे काम कर रहे थे, तो टनल में मलबा भरने लगा. उस समय सभी लोग टनल में 300 मीटर अंदर थे. मलबा इतनी तेजी से अंदर आया कि उन्हें कुछ सोचने-समझने का समय ही नहीं मिल पाया. उस दौरान टनल के बाहर से एक व्यक्ति चिल्ला कर उन्हें वापस आने के लिए कह रहा था. लेकिन इससे पहले कि टनल के अंदर कर्मचारी कुछ समझ पाते, भारी मात्रा में मलबा-पानी उनकी ओर आने लगा. ऐसे में सभी कर्मचारी छड़ों का सहारा लेकर सुरंग के अंदर आधे रास्ते चढ़ गए, लेकिन पानी आ जाने की वजह से वहीं फंस गए. 

7 घंटे तक फंसे रहे सुरंग में 
सभी कर्मचारी करीब 7 घंटे तक सुरंग के अंदर मौत से लड़ते रहे. इसके बाद Indo-Tibet Border Police ने 11 लोगों को सुरक्षित टनल से बाहर निकाल लिया. रेस्क्यू टीम ने रस्सियों, पुली और कारबाइनरों की मदद से खड़ी ढलान को ढहाया. अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, टनल के अंदर ये लोग सुबह 10.00 बजे काम करने पहुंचे थे, जिसके बाद वे वहीं फंस गए और शाम को करीब 5.00 बजे उन्हें बाहर निकाला जा सका. रेस्क्यू करने के बाद सबको हादसे की जगह  से 25 किलोमीटर दूरे ITBP अस्पताल में भर्ती कराया गया. 

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रेस्क्यू ऑपरेशन लाइव अपडेट
उत्तराखंड के चमोली आपदा ने काफी इलाके उजाड़ दिए हैं. प्रशासन तेजी से रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहा है. तपोवन की दूसरी सुरंग में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने की कोशिशें लगातार जारी हैं. बता दें, रेस्क्यू के दौरान 26 शव बरामद किए गए हैं, जबकि करीब 35 लोगों के अभी भी टनल में फंसे होने की आशंका जताई जा रही है. इसके अलावा, 171 लोग लापता बताए जा रहे हैं. जल्द ही रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर ज्यादा से ज्यादा लोगों को सुरक्षित वापस लाने की कोशिश की जा रही है. 

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