कोरोना का असर शंकर की नगरी पर, शिवरात्रि पर खाली पड़ा भोले का दरबार
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कोरोना का असर शंकर की नगरी पर, शिवरात्रि पर खाली पड़ा भोले का दरबार

श्रद्धालुओं से भरे रहने वाली काशी में श्रद्धालु नदारत हैं. कोरोना संक्रमण के खतरे के डर से लोग अपने घरों में कैद है. लोग इस बार अपने घर पर ही भगवान शंकर का पूजन अर्चन कर रहे हैं.

काशी विश्वनाथ मंदिर की तस्वीर

वाराणसी: कोरोना संक्रमण के कारण न केवल अर्थव्यवस्था डगमगाई है, बल्कि कई त्यौहारों पर भी इसका असर पड़ा है. सावन के महीने की चतुर्दशी पर पड़ने वाली शिवरात्रि के दिन जहां शिव मंदिरों में भक्तों का तांता लग जाया करता था, कोरोना के कारण इस बार मंदिर खाली नजर आ रहे हैं. ऐसा ही कुछ नजारा काशी में भी देखने को मिला है.

बता दें कि श्रद्धालुओं से भरे रहने वाली काशी में श्रद्धालु नदारत हैं. कोरोना संक्रमण के खतरे के डर से लोग अपने घरों में कैद है. लोग इस बार अपने घर पर ही भगवान शंकर का पूजन अर्चन कर रहे हैं.

आपको बता दें कि सावन में पड़ने वाली शिवरात्रि की अपनी ही मान्यता है, कहा जाता है कि आज के दिन भगवान शंकर और माता पार्वती का दर्शन करने मात्र से धनध्यान की पूर्ति होती है. साथ ही सारे कष्ट दूर होते हैं. काशी में सावन महीने में पड़ने वाली ये शिवरात्रि की विशेष महत्व रखती .भगवान शंकर की नगरी में आज के दिन श्री काशी विश्वनाथ का जलाभिषेक कर श्रद्धालु अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं.

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