जानिए कौन है, मथुरा तांडव का मास्टरमाइंड रामवृक्ष यादव
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जानिए कौन है, मथुरा तांडव का मास्टरमाइंड रामवृक्ष यादव

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर का रहने वाला, रामवृक्ष यादव, धर्मगुरु बाबा जयगुरूदेव का शिष्य रह चुका है। वर्ष 2012 में बाबा जयगुरूदेव की मौत के बाद उनकी विरासत के लिए समर्थन नहीं मिलने पर रामवृक्ष यादव ने अपना अलग गुट बना लिया और मथुरा के जवाहरबाग में 270 एकड़ ज़मीन पर अवैध कब्ज़ा कर लिया और वहां से अपनी समानांतर सरकार चलाने लगा।

जानिए कौन है, मथुरा तांडव का मास्टरमाइंड रामवृक्ष यादव

नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के गाजीपुर का रहने वाला, रामवृक्ष यादव, धर्मगुरु बाबा जयगुरूदेव का शिष्य रह चुका है। वर्ष 2012 में बाबा जयगुरूदेव की मौत के बाद उनकी विरासत के लिए समर्थन नहीं मिलने पर रामवृक्ष यादव ने अपना अलग गुट बना लिया और मथुरा के जवाहरबाग में 270 एकड़ ज़मीन पर अवैध कब्ज़ा कर लिया और वहां से अपनी समानांतर सरकार चलाने लगा।

-दो साल पहले अपनी मांगों को लेकर रामवृक्ष यादव दिल्ली जाकर 'सत्याग्रह' करने वाला था। लेकिन दिल्‍ली में जगह नहीं मिलने की वजह से इसने मथुरा के जवाहरबाग में ही अपना अड्डा बना लिया।

-15 मार्च 2014 को वो करीब 200 लोगों को लेकर मथुरा पहुंचा। उस वक्त मथुरा प्रशासन ने इस गुट को जवाहरबाग में एक दिन के लिए सत्याग्रह करने की इजाजत दी थी। लेकिन उसके बाद रामवृक्ष यादव ने कभी इस जगह को खाली नहीं किया।

-प्रशासन ने कई मौकों पर इस गुट को समझाने की कोशिश की, लेकिन वो नहीं माने, इतना ही नहीं कई मौकों पर तो रामवृक्ष यादव के समर्थकों ने, समझाने के लिए गए अधिकारियों के साथ मारपीट भी की।

-रामवृक्ष यादव पहले खुद जवाहरबाग में एक झोपड़ी बनाकर रहने लगा, फिर धीरे-धीरे वहां कई झोपड़ियां बन गईं। 

-अब उत्तर प्रदेश की पुलिस का कहना है, कि रामवृक्ष यादव पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी।

-पुलिस को रामवृक्ष यादव के अवैध कब्जे को हटाने का होश तब आया जब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इसका आदेश दिया। हाईकोर्ट का आदेश सितंबर 2015 में आया था। इसके बाद अप्रैल 2016 में स्थानीय प्रशासन ने रामवृक्ष यादव और उसके समर्थकों को नोटिस भेजा कि वो इस जगह को खाली कर दें।

-खुद को नेताजी सुभाषचंद्र बोस का अनुयायी कहने वाले ये लोग, पेट्रोल की कीमत एक रुपये में 40 लीटर और डीजल की कीमत एक रुपये में 60 लीटर करने की मांग कर रहे हैं।

-ये चाहते हैं कि देश में सोने के सिक्कों का प्रचलन शुरू हो जाए। आजाद हिंद फौज के कानून माने जाएं और इसी की सरकार भारत में शासन करे।

-ये चाहते हैं कि भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का चुनाव रद्द किया जाए।

-ये चाहते हैं कि आज़ाद हिंद बैंक की करेंसी से लेन-देन किया जाए।

-खुद को सत्याग्रही कहने वाले इन लोगों की मांग है कि जवाहरबाग की 270 एकड़ जमीन इन लोगों को सौंप दी जाए। इसके अलावा 'सत्याग्रहियों' पर पुलिस कोई कार्रवाई ना करे।

-देश में अंग्रेजों के समय से चल रहे कानून खत्म किए जाएं।

-पूरे देश में मांसाहार पर बैन लगाया जाए और मांसाहार करने वालों को सजा दी जाए।

-270 एकड़ में फैली जिस सरकारी जमीन से अवैध कब्जा हटाने की वजह से यह हिंसा हुई वो उत्तर प्रदेश सरकार के हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट की है।

-स्थानीय प्रशासन ने दो दिन पहले मथुरा के जवाहरबाग पर अवैध कब्जा करने वाले लोगों को, नोटिस देते हुए इसे 24 घंटे के अंदर खाली करने की चेतावनी दी थी। लेकिन इन लोगों ने जवाहरबाग को खाली नहीं किया।

- गुरुवार को पुलिस जैसे ही जवाहरबाग पहुंची, वहां मौजूद करीब तीन हजार लोगों ने पुलिस पर पथराव और गोलीबारी शुरू कर दी।

-मथुरा के एसपी मुकुल द्विवेदी और एसएचओ संतोष कुमार यादव को सिर में गोली लगी, जिसकी वजह से दोनों की मौत हो गई।

-जवाहर बाग से पुलिस को भारी मात्रा में हथियार भी बरामद हुए हैं।

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