कोरोना वायरस से लड़ाई में अब रोबोट भी मदद को तैयार है. लखनऊ में डॉ. अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय ने आईटीएस से मिलकर एक रोबोट तैयार किया है. ये पैरामैडिकल स्टाफ के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है.
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लखनऊ: कोरोना वायरस से लड़ाई में अब रोबोट भी मदद को तैयार है. लखनऊ में डॉ. अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय ने आईटीएस से मिलकर एक रोबोट तैयार किया है. ये पैरामैडिकल स्टाफ के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है. साथ ही इससे थर्मल स्क्रीनिंग और फोगिंग भी हो सकती है.
मात्र 60 हजार में तैयार ‘कृष्णा’
रोबोट को कृष्णा नाम दिया गया है जो कोविड हॉस्पिटल में मदद करेगा. मात्र एकेटीयू की एडवांस स्टडीज और आईटीएस इंजीनियरिंग कॉलेज ग्रेटर नोएडा के सहयोग से इसे मात्र 60 हजार में तैयार किया गया है. डॉ. अनुज कुमार शर्मा और महीप सिंह ने रोबोट को बनाया है.
कृष्णा रोबोट में ये हैं खूबियां
विवि के एडवांस स्टडीज सेंटर में कार्यरत असिस्टेंस प्रोफेसर अरुण कुमार शर्मा ने कहा कि ये रोबोट कई कार्यों को एक साथ कर सकता है.इस रोबोट को रिमोट से 500 से 1 किमी की दूरी तक कन्ट्रोल किया जा सकता है. इसमें व्हील चेयर भी जुड़ी है जो कोरोना मरीज को भी ले जा सकती है.
इस रोबोट की सबसे खास बात ये है कि इसमें 200 किलो तक का भार उठाने की क्षमता है. ये आइसोलेशन वार्ड में खाना और दवाइयां पहुंचा सकता है. रोबोट में अल्ट्रा वायलेट लाइट और सेनेटाइजर स्प्रे लगा है जिससे ये पूरा आइसोलेशन कार्ड को खुद साफ कर सकता है.
विवि के एडवांस स्टडीज सेंटर अब ऐसा रोबोट तैयार कर रहा है जिसे स्ट्रेचर में भी तब्दील किया जा सके. दरअसल कोरोना संक्रमण से कई जगह मौत होने पर परिजन भी बॉडी को हाथ नहीं लगा रहे है. ऐसे में डॉक्टर की तरफ से ऐसे रोबोट को बनाने के लिए कहा जा रहा जो बॉडी को इलेक्ट्रिक दाह संस्कार में मदद कर सके.
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