प्रयागराज महाकुंभ के घाट बनारस के घाटों से भी होंगे खूबसूरत, दिव्य स्नान का अनोखा नजारा दिखेगा
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प्रयागराज महाकुंभ के घाट बनारस के घाटों से भी होंगे खूबसूरत, दिव्य स्नान का अनोखा नजारा दिखेगा

Prayagraj News: प्रयागराज में महाकुंभ की तैयारियों में तेजी आई है. बाढ़ के बाद मेला क्षेत्र में मिट्टी समतलीकरण का काम भी जोरों पर है. 

 

Prayagraj News

Prayagraj News: यूपी के प्रयागराज के संगम तट पर 2025 में लगने वाले महाकुंभ की तैयारियों में बाढ़ का पानी खत्म होने के बाद तेजी आ गई है. मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं के लिए सात पक्के स्नान घाट बनाए जा रहे हैं, जिनका निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है. लगभग 50% स्नान घाट का काम पूरा हो चुका है. अधिकारियों का मानना है कि तय समय सीमा के भीतर ये सभी घाट पूरी तरह से तैयार हो जाएंगे.

जेसीबी और ट्रैक्टरों की मदद से समतलीकरण का काम शुरू 
मेला क्षेत्र में संस्थाओं को बसाने के लिए जमीन का समतलीकरण भी किया जा रहा है. बाढ़ का पानी घटने के बाद जेसीबी और ट्रैक्टरों की मदद से युद्ध स्तर पर समतलीकरण का काम शुरू कर दिया गया है. हालांकि कुछ जगहों पर अब भी पानी जमा हुआ है, जिसे पंपिंग सेट से हटाया जा रहा है. जैसे ही पानी हटेगा, वहां मिट्टी डालकर सड़कों का निर्माण और अन्य आवश्यक कार्य शुरू कर दिए जाएंगे. अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ के कारण जमीन अभी गीली है, जिससे कुछ दिक्कतें हो रही हैं, लेकिन सभी बाधाओं को समय पर दूर कर लिया जाएगा.

क्षेत्रफल 2019 के कुंभ के मुकाबले कम 
इस बार महाकुंभ में संगम नोज का क्षेत्रफल कम हो सकता है, क्योंकि बाढ़ के चलते गंगा की धारा में परिवर्तन हुआ है और गंगा का रुख झूसी की तरफ हो गया है. इसके चलते संगम नोज का क्षेत्रफल 2019 के कुंभ के मुकाबले लगभग 30% कम हो गया है. संगम तट के पुरोहितों का कहना है कि अगर सिंचाई विभाग समय रहते कदम उठाता है, तो इस समस्या से निपटा जा सकता है. अगर संगम नोज का क्षेत्रफल कम ही रहा, तो स्नान घाट को राम घाट की ओर बढ़ाकर इस कमी को पूरा किया जा सकता है.

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