फर्रुखाबाद के चकबंदी विभाग में जमीन घोटाला! अभिलेखों में हेरफेर
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फर्रुखाबाद के चकबंदी विभाग में जमीन घोटाला! अभिलेखों में हेरफेर

चार एकड़ जमीन का मामला सामने आते ही जांच की गई तो पता चला कि ये मामला पूरी तरह अभिलेखो में हेरफेर का है. 

फर्रुखाबाद का मामला. फाइल फोटो

फर्रुखाबाद : फर्रुखाबाद के चकबंदी विभाग में एक बड़ा खेल निकलकर सामने आया है. इसमें बीघामउ गांव के गौरव नाम के व्यक्ति ने जमीन के अमलदरामद के लिए खतौनी मांगी तो लेखपाल ने खतौनी की जांच के लिए अभिलेख खंगाले. उसमें चार एकड़ जमीन का मामला सामने आते ही जांच की गई तो पता चला कि ये मामला पूरी तरह अभिलेखो में हेरफेर का है. 

दरअसल गौरव बीघामउ गांव का निवासी है. उसके पास 50 डिसमिल स्‍थान का सरकारी पट्टा था, जिसकी उसने बिक्री कर ली थी. उसी पट्टी की जमीन के सरकारी अभिलेखों में हेरफेर कर चकबन्दी विभाग के कर्मचारी के साथ मिलकर चार एकड़ की जमीन और अपने नाम कर उसी जमीन की अमल दरादम रिपोर्ट मांगने पर विभागीय अधिकारियों के कान खड़े हुए. अब इसकी जांच शुरू कर दी है. आशंका जताई गई है कि यह पहला मामला सामने आया हो और इस तरह जमीनों का हेरफेर कर और भी सरकारी जमीनों पर कब्जा किया गया हो.

फर्रुखाबाद के चकबन्दी कार्यालय में हुए इस जमीन के कारोबार से जुड़े खुलासे के बाद अब अधिकारी बगले झांक रहे हैं. उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से सरकारी जमीन के कब्जे को लेकर सभी जनपदों से रिपोर्ट मांगी गई है. लेकिन इस तरह से सरकारी जमीनों पर कब्जा कराए जाने का मामला सामने आने पर सरकार को भेजी जाने वाली रिपोर्ट पर भी सवाल खड़े हो गये है.

वहीं लेखपाल प्रदीप कुमार और बंदोबस्त अधिकारी का कहना है कि बीघामउ गांव का एक गौरव कुमार नाम के व्यक्ति ने एक नकल सवाल डालकर अपनी जमीन की अमलदरामद की रिपोर्ट मांगी जिस रिपोर्ट को देखने के बाद ये संदिग्ध बात सामने आई कि इस रिपोर्ट में हेराफेरी की गई है. इसकी जांच शुरू हुई है. लगभग चार एकड़ जमीन का मामला है उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है.

सहायक चकबन्दी अधिकारी ने बताया कि मामले पर जिला शासकीय अधिवक्ता से राय ली जा रही है. अमल दरामद अभिलेख में हेराफेरी स्पष्ट है. इसको लेकर शासकीय अधिवक्ता की राय के बाद एफआईआर करा दी जाएगी. 4 एकड़ की जमीन का मामला सामने आया है.

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