लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेशवासियों को रोजगार देने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रही है. अब सरकार छोटे शहरों में भी शहरी आजीविका केंद्र (Livelihood Centers) खोलने वाली है. राष्ट्रीय आजीविका मिशन (National Urban Livelihood Mission) के तहत यह सेंटर्स खोले जाने वाले हैं. संबंधित निदेशालय भी इस काम के लिए पूरी तैयारी कर रहा है. 


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रुक सकेगा पलायन
माना जा रहा है कि यह सेंटर्स जब खुल जाएंगे, तो छोटे शहरों में भी लोगों को नौकरी के अवसर मिलेंगे और बड़े शहरों की ओर पलायन (Migration) रोका जा सकेगा.


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5 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों से शुरुआत
जानकारी के मुताबिक, सीएलसी की शुरुआत नगर निगम वाले उन शहरों से होगी जिनकी आबादी 5 लाख से ज्यादा है. केंद्र के निर्देशों के बाद अब 5 लाख से कम और 1 लाख से ज्यादा आबादी वाले निकायों में CLC खोलने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है.  इन CLC के खुलने के बाद छोटे शहरों में भी ट्रेनिंग की व्यवस्था की जाएगी और उसी आधार पर लोगों को रोजगार मिल सकेगा. 


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छोटे शहरों में बेरोजगारी से मिलेगी निजात
सरकार का कहना है कि बड़े शहरों रोजगार के अवसर भी बड़े पैमाने पर मिलते हैं, लेकिन छोटे शहरों में लोगों को रोजगार के लिए भटकना पड़ता है. यह एक बहुत बड़ी समस्या है, जिसका समाधान CLC से किया जा सकता है. इससे छोटे शहरों में प्रशिक्षण की व्यवस्था बनाई जा सकेगी.


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CLC से किनको होता है लाभ
CLC के माध्यम से ड्राइवर, प्लंबर, हैंडपंप या इलेक्ट्रिकल मैकेनिक, मिस्त्री, कारपेंटर, टाइल्स ग्राइडिंग, स्वीपर, आदि में रुचि रखने वाले योग्य लोगों को जोड़कर रोजगार दिलाया जाता है. इसके लिए व्यक्ति को CLC में रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है. बताया जा रहा है कि 76 नगर निकायों में सीएलसी खोलने की शुरुआत की जा रही है. इनमें 26 नगर पालिका परिषद और 50 नगर पंचायत हैं.


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