Congress Raj Babbar: इन दिनों कांग्रेस पार्टी के खेमे में राज बब्बर को टिकट देने पर चर्चा हो रही है. महाराष्ट्र से लेकर यूपी तक की सीट के लिए पार्टी उनके नाम पर चर्चा कर रही है. हालांकि किस सीट से बॉलीवुड एक्टर (Raj Babbar named in UP) को उतारा जा सकता है ये इंतजार है.
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लखनऊ: लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है और मतदान भी नजदीक है. दूसरी ओर देश हो या उत्तर प्रदेश दोनों जगह कांग्रेस अपने वजूद की लड़ाई लड़ रही है. अपनी स्थिति ठीक करने के लिए मजबूत प्रत्याशियों को अवसर देने पर विचार भी कर रही है. कांग्रेस के भीतर लगातार प्रत्याशियों को उतारे जाने पर मंथन हो रहा है जिसमें इन दिनों राज बब्बर के नाम की विशेष चर्चा है. ऐसी बातों को लेकर काफी चर्चा है कि कांग्रेस राज बब्बर को लोकसभा चुनाव में टिकट दे सकती है, उन्हें रायबरेली लोकसभा सीट से भी पार्टी उतार सकती है. यहां सवाल ये है कि कांग्रेस के खेमे में आखिर क्यों राज बब्बर को चुनाव में उतारे जाने पर चर्चा है, राज बब्बर पर पार्टी क्यों विश्वास जताना चाहती है. राज बब्बर की राजनीति में आने के बाद की उपलब्धियां क्या हैं. आइए इस बारे में विस्तार से जानते है.
सबसे ज्यादा लोकसभा सीट
पूरे देश की सबसे ज्यादा लोकसभा सीट वाले राज्य उत्तर प्रदेश पर निगाहें है. 543 में से 80 लोकसभा सीटों वाले इस सूबे में चुनाव को लेकर बीजेपी, सपा, बसपा व कांग्रेस की ओर से तैयारी जोरों शोरों से चल रही है. इन पार्टियों में कांग्रेस खेमे में राज बब्बर की बात खूब की जा रही है. यही नहीं इसके लिए महाराष्ट्र हो या यूपी इन दोनों राज्यों में से किसी एक सीट पर उतारे जाने को लेकर विचार चल रहा है. ध्यान दे कि 3 बार लोकसभा व 2 बार राज्यसभा सांसद रह चुके राज बब्बर साल 2016 से 2019 तक यूपी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं. राज बब्बर की ये दो उपलब्धिया काफी होगी जिसके कारण कांग्रेस उन पर इस लोकसभा चुनाव में भरोसा जता सके. हालांकि, बात यहीं खत्म नहीं होती है बल्कि इनके नाम पर चर्चा के और भी कारण है.
स्टार प्रचारक
दरअसल, इन्हें हाई कोर्ट की 2 साल की जेल की सजा को निलंबित किया गया है. बीते 30 मार्च को हाई कोर्ट की दरअसल, लखनऊ बेंच ने वर्ष 1996 के मतदान अधिकारी से मारपीट केस में 30 मार्च को दोषी पाया था. अब कांग्रेस नेता को बड़ी राहत प्रदान करते हुए दोष सिद्ध के आदेश को निलंबित किया जिसकी अगली सुनवाई 1 मई को है. यूपी में पहले चरण के लिए स्टार प्रचारक के तौर पर कांग्रेस ने उन्हें उतारा है. राज बब्बर पार्टी से लंबे वक्ते जुड़े हुए है और मौजूदा समय में राजनीतिक मामलों की समिति के भी सदस्य है.
2014-19 में करना पड़ा था हार का सामना
चुनाव से जुड़ी पिछली उपवब्धियों की बात करें तो आगरा, फतेहपुर सीकरी व फिरोजाबाद से राज बब्बर एक-एक लोकसभा चुनाव में जीत हालिस कर चुके हैं. वैसे मोदी लहर ने इन्हें भी 2014 में प्रभावित किया और लोकसभा चुनाव में गाजियाबाद से व फतेहपुर सीकरी में 2019 के लोकसभा चुनाव में हार गए. लेकिन जब राज बब्बर की बात होती है तो आगरा लोकसभा सीट (Agra Lok Sabha Seat) की जरूर बात होती है. दरअसल, यूपी के आगरा में पैदा हुए राजबब्बर ने इसी शहर से पढ़ाई की और फिर मुंबई में अपना फिल्मी करियर बनाया. साल 1999 में आगरा लोकसभा सीट पर बीजेपी काबिज थी लेकिन राजबब्बर के ग्लैमर के आगे भगवान शंकर रावत तीन बार के सांसद भी टिक नहीं पाएं, फिल्मी सितारे के सामने उनकी हार हुई. यह पहली बार था जब सपा के टिकट पर राज बब्बर ने चुनाव लड़कर जीत भी लिया. 1999 में बीजेपी सांसद भगवान शंकर रावत को 1.12 लाख वोटों से हार का मुंह देखना पड़ा था.
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डिंपल को हराया
हालांकि, साल 2006 में राज बब्बर को सपा द्वारा निलंबित किया गया और इसके बाद राजबब्बर ने फतेहपुर सीकरी का रुख किया लेकिन बसपा सरकार में ऊर्जा मंत्री का पद संभालने वाले रामवीर उपाध्याय के बिछाए बिसात से पार नहीं पा सके. फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट से रामवीर की पत्नी सीमा उपाध्याय जीत गईं. इसके बाद राज बब्बर ने फिरोजाबाद से उपचुनाव लड़ा लेकिन 2009 में हुए इस उपचुनाव में अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव से उनका सामना हुआ. डिंपल को राजबब्बर से हार का स्वाद चखना पड़ा.