Lok Sabha Election 2024 : चुनाव आयोग के मुताबिक, साल 2019 लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में औसतन 59.11 फीसदी मतदान से कम वोट पड़े थे. निर्वाचन आयोग ने अपनी 'टर्नआउट कार्यान्वयन योजना' (टीआईपी) के हिस्से के रूप में राज्य के 80 लोकसभा क्षेत्रों में से 10 को चुना है, जहां राज्य के कुल मतदान प्रतिशत से कम वोट पड़े थे.
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Lok Sabha Election 2024 : यूपी में लोकसभा चुनाव में मताधिकार का अधिक प्रयोग हो सके, इसके लिए चुनाव आयोग ने खास तैयारी की है. चुनाव आयोग ने यूपी में 10 ऐसे लोकसभा क्षेत्रों की सूची तैयार की है, जहां पिछले चुनाव में कम मतदान पड़े थे. अब इस बार इन लोकसभा क्षेत्रों में मतदान फीसदी बढ़ाने पर जोर है. चुनाव आयोग ने बकायदे इसके लिए तैयारी भी शुरू कर दिया है.
चुनाव आयोग की खास पहल
दरअसल, चुनाव आयोग के मुताबिक, साल 2019 लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में औसतन 59.11 फीसदी मतदान से कम वोट पड़े थे. निर्वाचन आयोग ने अपनी 'टर्नआउट कार्यान्वयन योजना' (टीआईपी) के हिस्से के रूप में राज्य के 80 लोकसभा क्षेत्रों में से 10 को चुना है, जहां राज्य के कुल मतदान प्रतिशत से कम वोट पड़े थे. इन लोकसभा क्षेत्रों में फूलपुर, कानपुर, इलाहाबाद, श्रावस्ती, गोंडा, डुमरियागंज, प्रतापगढ़, भदोही, अमेठी, और संतकबीरनगर लोकसभा सीट शामिल हैं.
किस लोकसभा सीट पर कितनी वोटिंग?
चुनाव आयोग के मुताबिक, पिछले साल चुनाव में फूलपुर लोकसभा सीट पर 48.57 फीसदी, कानपुर में 51.39 फीसदी, इलाहाबाद में 51.75 फीसदी, श्रावस्ती में 52.05 फीसदी, गोंडा में 52.11 फीसदी, डुमरियागंज में 52.26 फीसदी, प्रतापगढ़ में 53.36 फीसदी, भदोही में 53.45 फीसदी, अमेठी में 54.05 फीसदी और संत कबीर नगर में 54.15 फीसदी मतदान हुए थे.
पिछले चुनाव में कम हुई थी वोटिंग
मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि 2019 के चुनाव में उत्तर प्रदेश में मतदान प्रतिशत काफी कम 59.11 प्रतिशत था, जबकि राज्य में मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है. उन्होंने कहा कि इस बात को लेकर प्रयास किए जा रहे हैं कि ज्यादा से ज्यादा लोग मतदाता सूची में नामांकित हों और वह अपना वोट जरूर डालें. हम इसे 'रोल फार पोल' कहते हैं.
डीएम को दी गई जिम्मेदारी
उन्होंने कहा कि इस बार एक ‘टर्नआउट कार्यान्वयन योजना’बनाई गई है और उन निर्वाचन क्षेत्रों और बूथों को सूचीबद्ध किया गया है जहां मतदान कम हुआ है. उन्होंने कहा कि वहां मतदान कम क्यों हुआ है, यह (जिला) कलेक्टर व्यक्तिगत रूप से वहां जाकर देखेंगे. वह उन्हें (मतदाताओं को) लोकतांत्रिक प्रक्रिया (चुनाव) में भाग लेने के लिए मनाने का प्रयास करेंगे.
मतदाता जागरूकता एक्सप्रेस वैन रवाना
आयोग ने बताया कि शनिवार को तीन मतदाता जागरूकता एक्सप्रेस वैन को हरी झंडी दिखाई गई. ये वैन 22 जिलों में जाएंगी, जहां 2019 के चुनावों में कम मतदान हुआ था. ये मतदाता जागरूकता एक्सप्रेस वैन कानपुर, प्रयागराज, भदोही, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, सिद्धार्थनगर, प्रतापगढ़, अमेठी, रायबरेली, आंबेडकर नगर, संत कबीर नगर, गाजीपुर, बलिया, बहराईच, लखनऊ, कौशाम्बी, आजमगढ़, देवरिया, जौनपुर, वाराणसी और गोरखपुर जिलों में जाएंगी.
यूपी में मतदाताओं की संख्या
निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में (23 जनवरी तक) लगभग 15.29 करोड़ मतदाता पंजीकृत हैं. इनमें 8.14 करोड़ पुरुष मतदाता, 7.15 करोड़ महिला मतदाता और 7,705 ट्रांसजेंडर मतदाता शामिल हैं. पहली बार वोट डालने जा रहे (18-19 आयु वर्ग) मतदाताओं की संख्या लगभग 20.41 लाख है. उत्तर प्रदेश में 1,62,012 मतदान केंद्र हैं और इनमें से 38,959 शहरी क्षेत्रों में हैं.
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